आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान संस्थान विधेयक पारित-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — कोरोना के बीच संसद के पहले सत्र (मानसून) का तीसरा दिन संपन्न हुआ। तृणमूल कांग्रेस की नेता मौसम नूर ने उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर अंग्रेजी में राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली। उच्च सदन की बैठक शुरू होते ही सभापति एम० वेंकैया नायडू ने घोषणा कर बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह तथा पूर्व मंत्री पी० चिदंरबम स्वास्थ्य संबंधी वजहों से मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा की बैठकों में भाग नहीं लेंगे। राज्यसभा में काफी देर तक चर्चा के बाद आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक पारित हो गया है। इसके अलावा कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कोरोना, लॉकडाउन और प्रवासी मजदूरों की मौत को लेकर सरकार से सवाल किये। फिलहाल कार्यवाही कल सुबह 09:00 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी। प्रवासियों के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि लॉकडाऊन में फेक न्यूज की वजह से मजदूरों में भगदड़ मची थी। देश में कोरोना की स्थिति और सरकार की ओर से उठाये गये कदमों पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने पूछा कि कोरोना काल में सरकार ने लॉकडाउन लगाया तो इसके फायदे क्या-क्या हुये ? इसे भी सरकार को बताना चाहिये। उन्होंने राज्यसभा में एलएसी पर चीनी सेना की घुसपैठ और एलएसी पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य गतिरोध को लेकर छोटी अवधि की चर्चा के लिये नोटिस दिया। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल राव ने राज्यसभा चीन द्वारा 10 हजार से ज्यादा भारतीयों की जासूसी पर सदन में सवाल उठाया। शिवसेना सांसद संजय राउत ने राज्यसभा में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट पोर्ट्स के प्रस्तावित निजीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा पर चिंता को लेकर शून्यकाल नोटिस दिया। सांसद प्रसून बनर्जी के सवाल कोरोना काल में राज्यवार कितने पुलिसकर्मियों और श्रमिकों की मौत हुई और उन्हें क्या मुआवजा दिया गया ? इस मसले पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने जवाब में कहा कि देश भर में कोविड-19 वायरस से मरे पुलिसकर्मियों के आँकड़े केंद्रीयकृत रुप से नहीं रखें जाते। वहीं कोरोना के समय मज़दूरों की मौत और मुआवज़े के सवाल पर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि सरकार के पास लॉकडाउन के दौरान मरने वाले मज़दूरों का डाटा ही नहीं है तो मुआवज़े का प्रश्न ही नहीं होता।सांसद अनिल अग्रवाल के घुसपैठ मुद्दे के सवाल पर गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि इस दौरान पाकिस्तान सीमा से 47 बार घुसपैठ की कोशिश की गयी। मार्च में 04 बार, अप्रैल में 24 बार, मई में 08 बार और जुलाई में 11 बार ऐसा हुआ था। इसके अलावा एक अन्य सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 05 अगस्त 2019 से 10 सितंबर 2020 तक आतंकी घटनाओं में सुरक्षाबलों के 49 जवान और 45 आम नागरिक मारे गये। इस दौरान सीजफायर उल्लंघन में 25 जवान और 26 नागरिकों की जानें गयी।राज्यसभा में यह भी बताया गया एनआई की जांच में पता चला है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा सक्रिय है। राज्यसभा में पंजाबी को जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषा बनाये जाने की मांग की गयी।शून्यकाल में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि कश्मीर और पंजाब का बेहद गहरा रिश्ता है और कश्मीर में बड़ी संख्या में लोग पंजाबी भाषा बोलते हैं। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि कोरोना काल में जून के महीने में एक क्षण ऐसा आया, जब एक महापुरुष (योगगुरु रामदेव) ने कहा कि उन्होंने कोरोना की दवाई बना ली है। उनका कोई नुकसान नहीं हुआ , उनकी दवाइयां बिक गयी ।कोरोना काल में किस तरह से आयुर्वेद का गलत इस्तेमाल किया गया है, इसका हमें ध्यान रखना चाहिये। राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों ने चर्चा के लिये कम समय मिलने को लेकर हंगामा किया। इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि अगर आप बहस करेंगे तो समय और खराब होगा। पहले तो यह माना जा रहा था कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह एलएसी पर चीन के साथ जारी टकराव को लेकर राज्यसभा में भी बयान देंगे, मगर ऐसा नही हुआ।

राज्यसभा ने आयुर्वेद में शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक को पारित कर दिया गया। यह विधेयक तीन आयुर्वेद संस्थानों को एक संस्थान- इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्ड इन आयुर्वेद (आयुर्वेद में शिक्षण और अनुसंधान संस्थान) में विलय करने के बारे में है। विधेयक संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करता है। आयुष मंत्री श्रीपद नाइक की अनुपस्थिति में विधेयक को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा पेश किया गया।

स्वास्थ्य मंत्री का वक्तव्य

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक पर कहा कि आयुर्वेद का इस्तेमाल बहुत पहले से भारत में होता रहा है , हमारे वेदों में भी इसका जिक्र मिलता है। आयुर्वेद को तो अथर्ववेद से जोड़कर ही देखा जाता है। मंत्रालय देश के विभिन्न हिस्सों में संस्थानों को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दे रहा है और यह मामला यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। राष्ट्रीय महत्व के 103 संस्थान हैं, लेकिन आयुर्वेद में कोई नहीं था। उन्होंने कहा कि जामनगर संस्थान को चुना गया है क्योंकि यह देश का सबसे पुराना संस्थान है जिसकी स्थापना 1956 में भारत सरकार ने की थी। विधेयक तीन संस्थानों को विलय करने के बारे में हैं- द इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद, श्री गुलाबकुंवरबा आयुर्वेद महाविद्यालय और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक फार्मास्युटिकल साइंसेज। ये सभी जामनगर में हैं। प्रस्तावित संस्थान गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर के परिसर में स्थित होगा। विधेयक में कहा गया है, संस्थान में 15 सदस्य शामिल होंगे और इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिचर्स इन आयुर्वेद (जामनगर) के निदेशक को संस्थान के पहले निदेशक के रूप में नियुक्त किया जायेगा। टीआरएस, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, अन्नाद्रमुक, माकपा, बसपा और अन्य दलों के कई सांसदों ने अन्य राज्यों में भी इसी तरह के संस्थानों की मांग की। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, मंत्री को हर राज्य में ऐसे संस्थानों की मांग को ध्यान में रखकर इस पर विचार करना चाहिये। वहीं कांग्रेस नेता एल. हनुमंथिया ने चर्चा के दौरान इस पर आपत्ति जताते हुये कहा कि गुजरात को इतना महत्व क्यों दिया जाता है ? केरल को भी प्रमुखता दी जानी चाहिये जो आयुर्वेद क्षेत्र में अग्रणी है। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को उठाया और कहा कि कोविड के समय में मानसिक परामर्श की आवश्यकता है। राज्यसभा में आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक पारित होने के अलावा कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कोरोना, लॉकडाउन और प्रवासी मजदूरों की मौत को लेकर सरकार से सवाल किये। अंत में राज्यसभा की कार्यवाही अगले दिन सुबह 09:00 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी।

Ravi sharma

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