आज से दो दिन मनेगी हरतालिका तीज-

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर — पति की लंबी उम्र की कामना के लिये रखा जाने वाला हरतालिका तीज व्रत इस बार 01 और 2 सितंबर को मनाया जा रहा है। विद्वानों में व्रत की तिथि को लेकर मतभेद है। हिन्दी पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह व्रत रखा जाता है।

छत्तीसगढ़ के स्थानीय पंचांगों में भी 01 सितंबर को व्रत की तिथि

चित्रा पक्षीय कैतकी गणना से तैयार पंचांगों के अनुसार साल 2019 में हरतालिका तीज व्रत 01 सितंबर को है जबकि अन्य पंचाग में हरतालिका तीज का व्रत 02 सितंबर को बताया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के स्थानीय पंचांगों में भी 01 सितंबर को व्रत की तिथि दिखाई जा रही है। पंडितों का मत है कि भगौलिक स्थिति के अनुसार तिथि बदल जाती है। ऐसे में असमंजस में पडऩे की जरूरत नहीं है। ज्योतिष गणना के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनायी जाती है।

01 सितंबर को तीज मनाया जाना उचित

चित्रा पक्षीय पंचांग में हरतालिका तीज 01 सितंबर रविवार को सुबह 08.28 के बाद लगेगी। जो इस तारीख को पूरे दिन रहने वाली है जबकि 02 सितंबर को तृतिया तिथि की समाप्ति सुबह 04.57 पर हो जायेगी इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जायेगी। जिस कारण 01 सितंबर को तीज मनाया जाना उचित है।

पूजन का शुभ मूहूर्त

हरतालिका तीज व्रत शुभ मुहूर्त जो व्रती 01 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रख रहे हैं उनके लिये पूजन का शुभ मुहूर्त शाम में 06 बजकर 15 मिनट से शुरु होकर 08 बजकर 58 मिनट तक है।

चतुर्थी युक्त तृतीया का सौभाग्य वृद्धि में विशेष महत्व

ज्योतिषीय गणना की मान्यता के अनुसार चतुर्थी युक्त तृतीया का सौभाग्य वृद्धि में विशेष महत्व है। 02 सितंबर को तृतीया का पूर्ण मान हस्त नक्षत्र का उदयातिथि योग तथा सायंकाल चतुर्थी तिथि की पूर्णता तीज पर्व की महत्ता को बढ़ाती है। इतना ही नहीं प्रमाण यह भी मिलता है कि हस्त नक्षत्र में तीज का व्रत खोलना वर्जित है। जबकि रविवार 01 सितंबर को व्रत रखने वाली महिलाओं को 02 सितंबर को भोर में पारण हस्त नक्षत्र में ही करना पड़ेगा जो शास्त्रों के अनुसार सही नहीं है। अगर 02 सितंबर को हरतालिका तीज व्रत रखा जायेगा तो 03 सितंबर दिन मंगलवार के भोर में चित्रा नक्षत्र में पारण होगा। जो कि सौभाग्य वृद्धि में सहायक माना गया है।

Ravi sharma

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