अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर — छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को झूठे केस में फँसाना आजकल आम बात हो चुकी है। जिससे पत्रकारों का लगातार शोषण हो रहा है जिसके कारण छत्तीसगढ़ के पत्रकार स्वतंत्रतापूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। अब छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के लिये नया सुरक्षा कानून बनने जा रहा है जिसमें पत्रकारों को विशेषाधिकार प्राप्त होगा ।
इस संबंध में विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ पत्रकार सुरक्षा कानून का जो ड्राफ्ट जस्टिस आफताब आलम के सानिध्य में तैयार किया जा रहा है उसमें पत्रकारों को सीधे पकड़कर जेल भेजना आसान नही होगा। किसी पत्रकार के खिलाफ तभी कानूनी कार्यवाही होगी जब पत्रकार परिषद इसके लिये अनुमति प्रदान करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रहे आफताब आलम की देखरेख में पत्रकारों के हितों को ध्यान में रखते हुये छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने जा रहा है । कानून का एजेंडा तैयार करने के लिये राज्य सरकार की उच्चस्तरीय समिति में जस्टिस आफताब आलम के साथ दो कानून विशेषज्ञ और एक वरिष्ठ पत्रकार को भी शामिल किया गया है। जिसके तहत राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग के आला अधिकारियों से भी बारी-बारी से मीटिंग की जा रही है। तैयार हो रहे ड्राफ्ट में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि वकीलों के बार काउन्सिल की तरह ही पत्रकार परिषद का भी गठन किया जाये जिसमें पत्रकारों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कुछ कानूनी सलाहकारों को भी परिषद का सदस्य बनाया जाये।