अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को उत्तरप्रदेश कैडर के वर्ष 1984 बैच के आईएएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) अनूप चंद्र पाण्डेय ने चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभाला लिया है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्य सचिव के तौर पर काम कर चुके पांडेय फिलहाल एनजीटी में यूपी निगरानी समिति के मौजूदा सदस्य भी हैं। अनूप चंद्र पांडेय मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोडा के 12 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने के बाद रिक्त हुये पद पर नियुक्त किये गये हैं। पैनल में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अन्य दो सदस्य शामिल हैं। इनको उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 जून, 2018 को राज्य की नौकरशाही का नेतृत्व करने के लिये चुना था. जो अगस्त 2019 में सेवानिवृत्त हुये। इनको 37 वर्ष की भारतीय प्रशासनिक सेवा का अनुभव है , वे कई मंडलों के कमिश्नर और कई जिलों के डीएम के साथ साथ उत्तरप्रदेश सरकार में कई बड़े और महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं।उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्य सचिव के तौर पर काम करने के अलावा उत्तरप्रदेश के अधोसंरचना और औद्योगिक विकास आयुक्त के तौर पर काम किया था।
गौरतलब है कि नये निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय का जन्म 15 फरवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था। उन्होंने मैकेनिक इंजीनियरिंग से बीटेक और मेटेरियल मैनेजमेंट से एमबीए किया है। साथ ही उन्होंने प्राचीन इतिहास में डाक्टरेट भी किया है। डाॅ. अनूप चंद्र पाण्डेय वर्ष 2018 में उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव बनाये गये थे। फरवरी 2018 में लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया गया था। समिट के सफल आयोजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका बतायी जाती है। इसके अलावा किसानों की कर्जमाफी आदि दूसरी योजनाओं में इनके अहम रोल को देखते हुये योगी सरकार ने उन्हें छह माह का सेवा विस्तार दिया था। वे फरवरी 2019 में रिटायर होने वाले थे , जिसके बाद यूपी की योगी सरकार ने केन्द्र की सहमति से उनका कार्यकाल छह माह के लिये बढ़ा दिया था , तब वे अगस्त 2019 में रिटायर हुये। रिटायर होने के पहले वह इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास आयुक्त के तौर पर काम कर चुके हैं। नये निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 2024 में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव तक होगा। उनका कार्यकाल फरवरी 2024 तक तीन साल से कुछ ही कम होगा। अगले साल होने वाले उत्तरप्रदेश , पंजाब , गोवा , मणिपुर और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। उसके पहले ही निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कर दी गई है।