हरितालिका तीज का व्रत 18 सितम्बर को, होगी शुभ फल की प्राप्ति – आचार्य सह पंसस प्रदेश महासचिव सुनिल कुमार तिवारी

पटना –पति के दीर्घायु व उत्तम स्वास्थ्य के लिए महिलाए रखती है यह व्रत।भारतीय संस्कृति व परम्परा का व्रत हरितालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है।यह सनातन धर्म के महिलाओं का सबसे महत्वपूर्ण व्रत है।

यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु व उत्तम स्वास्थ्य के लिए करती है। उक्त बातें आचार्य सुनिल कुमार तिवारी ने बताते हुए कहा कि इस बार यह व्रत 18 सितम्बर को है, क्योंकि 17 सितम्बर को तृतीया तिथि दिन में 09 बजकर 31मिनट पर शुरू हो रहा है।इस तिथि का समापन 18 सितम्बर को दिन मे 10 बजकर 27मिनट पर हो रहा है।

उदय व्यापिनी (उदया तिथि) तृतीया का 18 सितम्बर को हो रहा है, इसलिए इसी दिन इस व्रत को करना शुभ फल प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त है। इस व्रत के पूजन का शुभ मुहूर्त 18 सितंबर को दिन, रात है। 18 सितंबर को पूजन करने से उत्तम फल की प्राप्ति होगी।इस व्रत की शुरुआत के बारे में धार्मिक मान्यता है कि माँ गौरी ने भगवान भोलेनाथ से विवाह के लिए मिट्टी का शिवलिंग बनाकर निर्जला व्रत रहकर कठोर तपस्या की तो भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर मां गौरी को पत्नी के रूप में स्वीकार किए।

तभी से इस व्रत का प्रचलन शुरू हुआ।इस व्रत के लिए सबसे पहले बिना जल ग्रहण किए स्नान करने के बाद मां पार्वती ,भगवान शिव, व गणेशजी की पूजा कर मां पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित कर पुजन, पाठ ,कथा सुने ,और अखण्ड सौभाग्य प्राप्त करने की कामना करें।साथ ही सभी देवी देवताओं का ध्यान करें। उसके बाद दुसरे दिन स्नान घ्यान कर पुजन , सूर्य भगवान की जल देने के बाद व्रत का पारण करें।

नोट . घ्यान दे हरितालिका तीज ढेलहिया ,चौथ चंद्रपूजा वैनायकीवरद श्रीगणेश चतुर्थी गणेशउत्सव सब 18 सितंबर को है और 20 सितंबर को ऋषि पंचमी और अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर को पितृ पक्षः 30 सितंबर से प्रारंभ होगा।

Ravi sharma

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