सोनपुर विधानसभा-क्या बदले समिकरण मे बदल जाएगें चेहरे-सारण

सोनपुर-हरी और हर की मिलनस्थली हरिहरक्षेत्र,सोनपुर धार्मिक रुप से जितना चर्चित है उतना ही राजनीतिक रूप से भी यह चर्चित रहा है.अपने मस्तमौला अंदाज और बयानबाजी के लिए जाने जाने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कि यह राजनीतिक जन्मस्थली भी रही हैं तो मतों के जातीय समीकरण को लेकर अक्सर चुनावी गेंद भाजपा के पाले मे भी जाती रही हैं.जमीन से जुड़े नेता कहे जाने वाले लालू प्रसाद यादव जैसे व्यक्ति को सूबे के सत्ता के शिखर तक पहुंचाने और भाजपा के बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजीव प्रताप रुढ़ी के सर पर सांसद का सेहरा बंधने के बावजूद आज भी सोनपुर विधानसभा क्षेत्र कई मुलभुत समस्याओं से त्रस्त है.

 

फाईल फोटो

एशिया के विश्व प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र मेले को अपने आंगन मे सजाने वाले इस विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलता है.
खैर बात है मौजूदा वक्त की, विधानसभा चुनाव की.जातीय समीकरण के नजर से देखे तो राजपूत और यादव बहुल इस विधानसभा सीट पर जीत-हार का फैसला अक्सर अन्य जातियों के मतों के झुकाव पर होता है.

प्रो० रामानुज राय

अभी फिलहाल इस विधानसभा सीट से राजद के प्रो० रामानुज राय विधायक है जिन्होंने बिते विधानसभा चुनाव मे भारी मतों से भाजपा के विनय कुमार सिंह को पटखनी दि थी.उस वक्त राजद-जदयू का गठबंधन था और बदले हुए समिकरण मे सोनपुर कि जनता ने अपने पांच साल का भाग्य प्रो० राय के हवाले कर दिया था.मगर जमीनी पड़ताल बताती है कि वह जनता की उम्मीदों पर खड़े नहीं उतरे और क्षेत्र मे लोग उन्हें मुठ्ठी भर लोगो का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक मानते है.वही इस बार समिकरण बदले हुए हैं. इस बार जदयू अपना पाला बदल कर भाजपा के साथ है.

विनय कुमार सिंह

राजद-जदयू गठबंधन के प्रो० रामानुज राय से पिछले विधानसभा चुनाव मे हार का सामना करनेवाले विनय कुमार सिंह इन बिते वर्षों मे जनता से काफी दुर रहे है और उनकी यह निष्क्रियता इस विधानसभा चुनाव मे उनकी भाजपा की उम्मीदवारी और सोनपुर से उनकी जीत दोनो पर संशय खड़ा करती है.

विनोद सिंह सम्राट

ऐसे मे भाजपा के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ से जुड़े सोनपुर के एक स्थानीय नेता विनोद सिंह सम्राट भी चुनावी दंगल मे ताल ठोंके हुए नजर आ रहे है.दरअसल विनोद सिंह सम्राट कि पहचान बिते कई सालों से सक्रिय समाजसेवी कि है और सोनपुर कि स्थानीय राजनीति मे भी लोग बताते है कि उनका अपना मकाम है.मुमकिन है कि सोनपुर विधानसभा क्षेत्र कि जनता का पूर्व और वर्तमान विधायक से नाराजगी विनोद सिंह सम्राट के रास्तो को आसान कर दे.यूं तो सोनपुर विधानसभा सीट पर जातीय गुटबाजी हमेशा हावी रहती है मगर इस बार श्री सम्राट के कुछ करीबियों कि मानें तो सोनपुर कि जनता किसी भी जातीय समीकरण मे नहीं उलझेगी. आपको बता दे कि पिछले विधानसभा चुनाव मे भी विनोद सिंह सम्राट ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप मे किस्मत आजमाई थी और काफी अच्छे मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

बहरहाल राजद खेमे से सीटिंग विधायक होने के नाते प्रो० रामानुज राय की उम्मीदवारी जहां पक्की मानी जा रही है वही भाजपा नेतृत्व संशय मे दिख रहा है.पिछले विधानसभा चुनाव मे निर्दलीय चुनाव लड़ कर अपने जनसमर्थन का अहसास करा चुके विनोद सिंह सम्राट टिकट के प्रबल दावेदार बताये जा रहे है तो वही पूर्व विधायक विनय कुमार सिंह सोनपुर भाजपा के पुराने चेहरे है.देखना दिलचस्प होगा कि बदले समीकरण मे भाजपा नेतृत्व किस पर अपना चुनावी दांव लगाती है.सोनपुर के ताज की लड़ाई इस बार काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है.

Ravi sharma

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