मोतिहारी,पूर्वी चंपारण-सत्याग्रह’ से लेकर ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ जैसे प्रमुख आंदोलनों के जरिये शांतिप्रिय तरीके से देश की आजादी का अलख जगाकर और अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंककर पूरी दुनिया के नजर में आने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती 2 अक्टूबर 2020 शुक्रवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाई गई. उक्त अवसर पर बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन बिजबनी निवासी मशहूर सैंड आर्टिस्ट ने अपने अंदाज में महात्मा गांधी की मनमोहक तस्वीर बालू पर उकेर उनको याद किया. बालू पर वर्ल्ड पीस लिख कर गांधीजी के संदेश को याद दिलाते हुए रेत कलाकार मधुरेन्द्र कुमार ने कहा कि केवल आम जनता ही नहीं, दुनिया भर के महान व्यक्तित्व गांधी जी से प्रभावित थे. इस सूची में मार्टिन लूथर किंग का नाम भी आता है. महात्मा गांधी के सिद्धांतों ने उन पर इतना असर डाला कि एक समय वो अमेरिका में ‘मानवाधिकारों के प्रणेता’ कहलाए.
बता दे कि सत्य-अहिंसा के पथ पर हमेशा अग्रसर रहे महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गांधी जी का असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी है.राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों और उनके सुझाए गए अहिंसा के मार्ग ने न केवल भारतवासियों को प्रभावित किया, बल्कि दुनिया के तमाम देशों ने इस विचार को आत्मसात किया.
गौरतलब हो कि गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती है.वह तो केवल अपनी खुशी बिखेरता है. उसकी खुशबू ही उसका संदेश है. महत्मा गांधी के इस कथन को चरितार्थ करते हुए सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र कुमार ने सैकड़ों महापुरुषों की जयंती पर अपनी बेहतरीन कलाकारी के जरिये दुनिभर में अपनी नाम का खुशबू फैला कर चंपारण का नाम रौशन किया हैं.
मौके पर उपस्थित दर्जनों लोगों ने भी सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र की कलाकृति की सराहना करतें कहा कि महत्मा गांधी ने पहली बार चंपारण की धरती से अंग्रेजों को भगाने के लिए चंपारण सत्याग्रह आंदोलन कि शुरुआत कि थी. इसलिए आज पूरा देश आजादी कि फिंजा मे सांस ले रहीं है.