सृजन घोटाले मामले मे आईएएस विरेंद्र यादव समेत 10 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल-

भागलपुर-बहुचर्चित सृजन घोटाले मामले मे एक बड़ी खबर मिल रही है.खबर के मुताबिक इस मामले मे भागलपुर के तत्कालीन DM वीरेंद्र यादव पर दिल्ली CBI के द्वारा चार्जशीट दाखिल हो गया है.वीरेंद्र यादव के अलावे अन्य दस लोगों पर भी चार्जशीट दाखिल किया गया है.

सृजन घोटाला, एक नजर

यह घोटाला 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार रुपये का है. सृजन घोटाले की मास्टरमाइंड मनोरमा देवी नामक एक महिला थी,जिनका तीन साल पहले निधन हो गया.मनोरमा देवी की मौत के बाद उनकी बहू प्रिया और बेटा अमित कुमार इस घोटाले के सूत्रधार बने. प्रिया झारखण्ड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनादि ब्रह्मा की बेटी हैं जो पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय के करीबी माने जाते हैं. मनोरमा देवी और उनकी संस्था सृजन को शुरू के दिनों में अमिताभ वर्मा,गोरेलाल यादव, के पी रामैया जैसे कई अधिकारियों ने सहयोग दिया.गोरेलाल यादव के समय एक अनुसंशा पर दिसंबर 2003 में सृजन के बैंक खाते में सरकारी पैसा जमा करने का आदेश दिया गया.उस समय बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी थीं.रामैया ने 200 रुपये के महीने पर सबौर ब्लॉक में जमीन का एक बड़ा प्लॉट सृजन को दिया.जब जांच शुरू हुई तो ये पाया गया कि सरकारी राशि को सरकारी बैंक खाता में जमा करने के बाद तत्काल अवैध रूप से साजिश के तहत या तो जाली दस्तखत या बैंकिंग प्रक्रिया का दुरुपयोग कर सृजन के खाते में ट्रांसफर कर लिया जाता था. जब भी किसी लाभार्थी को चेक के द्वारा सरकारी राशि का भुगतान किया जाता था तो उसके पूर्व ही अपेक्षित राशि सृजन द्वारा सरकारी खाता में जमा कर दिया जाता था. इस सारे खेल में सृजन की सचिव मनोरमा देवी के अलावा, सरकारी पदाधिकारी और कर्मचारी और बैंको के पदाधिकारी और उनके कर्मचारी शामिल होते थे.
जिला प्रशासन से सम्बंधित बैंक खातों के पासबुक में एंट्री भी फ़र्ज़ी तरीके से की जाती थी. स्टेटमेंट ऑफ़ अकाउंट को बैंकिंग सॉफ्टवेयर से तैयार नहीं कर फ़र्ज़ी तरीके से तैयार किया जाता था. सृजन के पास गये पैसे को बाजार में ऊंचे सूद पर लगा दिया जाता था या ऐसे धंधे में निवेश किया जाता था जहां से मोटा रिटर्न हासिल होता था. पूरे खेल में सृजन के संचालक सरकारी अधिकारियों का खास ख्याल रखते थे,उन्हें करोड़ों के कमीशन और उपहार दिये जाते थे.
वहीं इस घोटाले मे पहली बार किसी बड़े अधिकारी का नाम सामने आया हैं.विरेंद्र यादव वर्तमान मे बिहार सरकार के पिछड़ा और अतिपिछड़ा कल्याण विभाग मे विशेष सचिव है.इस मामले से काफी दिनों तक बिहार कि सियासत भी गरमाई हुई थी.वहीं इस मामले कि मुख्य आरोपी मनोरमा देवी की मौत हो चुकी हैं.दरअसल इस मे कई सरकारी विभागों का पैसा सीधे विभागीय खातों में न जाकर या वहां से निकालकर ‘सृजन महिला विकास सहयोग समिति’ नाम के NGO के छह खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी.फिर इस NGO के संचालनकर्ता जिला प्रशासन और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी पैसे को इधर-उधर कर देते थे. बड़ी साजिश को भांपते हुए तब बिहार के मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध इकाई को इस घोटाले के खुलासे की जिम्मेदारी सौंप दी थी.   

Ravi sharma

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