सीएम ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को किया सात करोड़ पांच लाख रुपये का भुगतान

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को सात करोड़ पांच लाख रूपये का भुगतान किया। जिसमें 16 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2022 तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों , किसानों , भूमिहीनों से क्रय 02.29 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 04 करोड़ 59 लाख रूपये , गौठान समितियों को 01.46 करोड़ रूपये और महिला समूहों को एक करोड़ रूपये की लाभांश राशि शामिल हैं। गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को 380 करोड़ 27 लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है। आज हुये 07.05 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 387 करोड़ 32 लाख रूपये हो गया। गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के गौठानों में दो रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। गौठानों में 15 दिसम्बर तक 96.44 लाख क्विंटल गोबर खरीदी के एवज में गोबर विक्रेताओं को 192.86 करोड़ रूपये का भुगतान भी किया जा चुका है। आज गोबर विक्रेताओं को 04.59 करोड़ रूपये का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 197.85 करोड़ रूपये पहुंच गया। वहीं गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 169.41 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को आज किये गये 02.46 करोड़ रूपये के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 171.87 करोड़ रूपये हो गया। बताते चलें महिला समूहों के खाते में एक करोड़ रुपये की लाभांश राशि अंतरित की गई। गोबर विक्रेताओं को अब तक 197.45 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। कुल 98.73 लाख क्विंटल गोबर खरीद गया है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 171.87 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। गोबर विक्रेताओं को आज भुगतान की गई 04.59 करोड़ रुपये की राशि में से 01.76 करोड़ रुपये का भुगतान कृषि विभाग की ओर से किया गया। वहीं 4564 स्वावलंबी गौठानों ने अपने संसाधनों से 02.83 करोड़ का भुगतान किया। उल्लेखनीय है कि राज्य में अब तक 4,564 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं , जो स्वयं की जमा पूंजी से गोबर क्रय करने लगे हैं। स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक 35.19 करोड़ रूपये का गोबर स्वयं की राशि से क्रय कर भुगतान किया गया है। इस दौरान सीएम बघेल ने बताया कि प्रदेश के 25 जिलों के 37 गौठानों में गोबर पेंट बनाने की 37 यूनिटें प्रारंभ होंगी। वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिये पांच इकाईयां स्थापित हो चुकी है , जिनमें से रायपुर और दुर्ग जिले के गौठानों में दो-दो तथा कांकेर के चारामा स्थित गौठान में एक यूनिट संचालित है। इन पांच क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 8997 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है , जिसमें से 3307 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 07 लाख 02 हजार 30 रूपये की आय अर्जित हुई है। राज्य के गौठानों में चार रूपये लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है। गौठानों में अब तक एक लाख 15 हजार 423 लीटर गौमूत्र क्रय किया जा चुका है। इससे गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 41,627 लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र और 20,118 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत तैयार किया गया है। वहीं 39,920 लीटर ब्रम्हास्त्र और जीवामृत की बिक्री से अब तक कुल 22 लाख 43 हजार 665 रूपये की आय हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील पर राज्य के किसानों द्वारा अपने गांवों के गौठानों को पैरादान किये जाने का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य के किसान भाई पैरा को खेतों में जलाने के बजाय उसे गौमाता के चारे के प्रबंध के लिएये गौठान समितियों को दे रहे हैं। ऐसे किसान भाई जिनके पास पैरा परिवहन के लिये ट्रेक्टर या अन्य साधन उपलब्ध है , वे स्वयं धान कटाई के बाद पैरा गौठानों में पहुंचाकर इस पुनीत कार्य में सहभागिता निभा रहे हैं। गौठान समितियों द्वारा भी किसानों से दान में मिले पैरा का एकत्रीकरण कराकर गौठानों में लाया जा रहा है। गौठानों में अब तक 10 लाख 32 हजार क्विंटल पैरा गौमाता के चारे के लिये उपलब्ध है। गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को आनलाइन भुगतान करने के अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे , मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा , छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन , मुख्य सचिव अमिताभ जैन , कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित रहे।

Ravi sharma

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