साल का अंतिम सूर्यग्रहण आज – अरविन्द तिवारी की कलम ✍️ से

ऑफिस डेस्क – इस साल का अंतिम सूर्यग्रहण आज 14 दिसंबर को होने जा रहा है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल सूर्यग्रहण पर एक बेहद अशुभ योग बनने जा रहा है। सूर्य ग्रहण के दौरान इस बार गुरु चंडाल योग बनेगा। राहु और गुरु के एक ही स्थान पर बैठने से गुरु चंडाल योग बनता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि पर गुरु चंडाल योग का सबसे बुरा असर पड़ सकता है। वर्ष 2020 की शुरूआत 10 जनवरी को चंद्रग्रहण से हुई थी और इसकी समाप्ति कल सूर्य ग्रहण से होगी। इस साल कुल मिलाकर 06 ग्रहण लगे थे, जिसमें चार चंद्रग्रहण जबकि दो सूर्यग्रहण हैं। इस वर्ष 21 जून को इस साल का पहला सूर्यग्रहण लगा था और दूसरा सूर्यग्रहण आज लगेगा। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं , जिसकी वजह से हमारे जीवन में बदलाव होते हैं। अभी 15 दिनों के भीतर दो ग्रहण लग रहे हैं। इस ग्रहण से पूर्व 30 नवंबर को चंद्रग्रहण लगा था और अब आज फिर सूर्यग्रहण लग रहा है। आज रात को लगने वाले इस ग्रहण को भारतीय ज्योतिष में खंडग्रास ग्रहण माना गया है। जब चंद्रमा आंशिक रूप से सूर्य को ढँके तो इसे खंडग्रास सूर्यग्रहण कहते हैं। जो भारत में नहीं दिखाई देगा। इसकी वजह से भारत में ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इस खगोलीय घटना को यूरोप, आस्ट्रेलिया, एशिया का कुछ हिस्सों, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, साउथ अफ्रीका, अटलांटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण आज शाम सात बजकर तीन मिनट पर शुरू होगा। इस सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि इस बार का सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में ही लगने जा रहा है। भारत में दिखाई ना देने के कारण ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। वहीं ग्रहण का सूतक काल भले ही भारत में मान्य ना हो लेकिन ग्रहण का प्रभाव पूरी सृष्टि पर देखने को मिलता है। इसलिये ग्रहण के वक्त कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। ग्रहण के वक्त खाने पीने से बचना चाहिये , पति पत्नी को संयम बरतना चाहिये। इसके अलावा ग्रहण के दौरान यात्रा , नये कार्य करने से भी बचें। वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस समय सूर्य से निकलने वाला रेडियेशन बहुत घातक होता है।

गर्भवती महिलायें रखें सावधानी
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ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं के लिये अधिक विचार किया जाता है। माना जाता है कि ग्रहण के हानिकारक प्रभाव से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर उसका नकारात्मक असर होता है। इसलिये गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है।

इन चीजों से करें परहेज
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ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के सीधे प्रभाव में ना आने के साथ-साथ उन्हें चाकू-छुरी या तेज धार वाले हथियार का प्रयोग भी नहीं करना चाहिये। क्योंकि ऐसा करने से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर उसका बुरा असर होता है। इसके साथ ही ग्रहण की अवधि में सिलाई-कढ़ाई का कार्य भी ना करें और ना ही किसी प्रकार की चीज़ों का सेवन करें।

सभी खिड़कियाँ रखें बंद
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ग्रहण के दौरान खिड़कियों को अखबारों या मोटे पर्दों से ढक देना चाहिये ताकि ग्रहण की कोई भी किरण घर में प्रवेश ना कर सके। ग्रहण के दौरान या पहले भोजन बना हुआ है तो उसे फेंकना नहीं चाहिये बल्कि उसमें तुलसी के पत्ते डालकर उसे शुद्ध कर लेना चाहिये। ग्रहण के समाप्ति के बाद स्नान-ध्यान कर घर में गंगाजल छिड़क कर फिर जाकर भोजन ग्रहण करना चाहिये।

ग्रहण के दौरान करें ये चीजें
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गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान करना चाहिये। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में मंत्र जप करना विशेष लाभप्रद रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने पास एक नारियल रखना चाहिये , नारियल रखने से नकारात्मकता नहीं आती है।

ग्रहण खत्म होने पर करे ये उपाय
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ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं।

Ravi sharma

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