सामूहिक शक्ति और सेवा भाव हमारी ताकत — पीएम

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — एक तरफ देश में जहां कोरोनावायरस लोगों की धैर्य और दु:ख सहने की परीक्षा ले रहा है वहीं दूसरी ओर अभी अभी पिछले दस दिनों में ही देश की जनता ने फिर “ताउते” और “यास” जैसे दो बड़े बड़े चक्रवात से पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की। विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में चक्रवात से प्रभावित हुये सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है। उसके लिये मैं आदरपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूं। हमारा देश कोरोनावायरस , तूफान और भूकंप से मजबूती के साथ लड़ रहा है। राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी एक साथ मिलकर इस आपदा के सामना करने में जुटे हैं। मैं राहत और बचाव कार्यों में हिस्सा लेने वाले लोगों को धन्यवाद देता हूं। यह समय हौसले से लड़ाई लड़ने का है। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं , जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है। हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं , जिन्होंने इस आपदा का नुक़सान झेला है। देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने देश को हर तूफान से बाहर निकाला है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में जारी कोरोना संकटकाल के बीच अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के जरिये देशवासियों को संबोधित करते हुये कही। वे अपने मन की बात के 77 वें संस्करण में कोरोना से बचाव और संक्रमण से निपटने के लिये जारी तैयारियों पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भूमिका निभा रहे डॉक्टर्स , नर्स और फ्रंटलाईन वर्कर्स से लेकर देश की सेनाओं और रेलवे की तारीफ की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कोरोना के अलावा हाल ही में आये चक्रवाती तूफान तौकते और यास को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने केंद्र में एनडीए सरकार के सात साल पूरे होने का जिक्र करते हुये उपलब्धियां गिनायी। पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि संकट की इस घड़ी में डॉक्टरों-नर्सों ने अपनी चिंता छोड़कर लोगों की मदद की है। उन्होंने ऑक्सीजन टैंकर की सप्लाई में जुटी जल , थल , वायु सेना की भी तारीफ करते हुये कहा कि सेना के जवान जो कर रहे हैं वो रूटीन का काम नहीं है , ऐसी आपदा 100 साल बाद आयी है , मैं सेना के काम को सलाम करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना की शुरुआत में देश में सिर्फ एक ही टेस्टिंग लैब थी , लेकिन आज ढाई हजार से ज्यादा लैब्स काम कर रही हैं। शुरू में कुछ सौ टेस्ट ही एक दिन में हो पाते थे , अब 20 लाख से ज्यादा टेस्ट एक दिन में हो रहे हैं। कितने ही फ्रंटलाइन वर्कर्स सेंपल कलेक्शन के काम में लगे हुये हैं। संक्रमित मरीजों के बीच जाना , उनका सैम्पल लेना बहुत बड़ी सेवा है। अपने बचाव के लिये इन साथियों को इतनी गर्मी में भी पीपीई किट पहने ही रहना पड़ता है , तब कहीं जाकर ये सैम्पल लैब पहुंचता है। चुनौती के इस समय में आक्सीजन के परिवहन को आसान करने के लिये भारतीय रेल सामने आयी। आक्सीजन एक्सप्रेस ने सड़क पर चलने वाले आक्सीजन टैंकर से कहीं ज्यादा तेजी से , कहीं ज्यादा मात्रा में देश के कोने कोने में आक्सीजन पहुंचाया‌। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने पहली लहर में भी पूरे हौंसले के साथ लड़ाई लड़ी थी। इस बार भी वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में भारत विजयी होगा। दो गज दूरी , मास्क से जुड़े नियम हों या फिर वैक्सीन , हमें ढिलाई नहीं करनी है – यही हमारी जीत का रास्ता है। पीएम मोदी ने कहा कि आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के सात साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है। इन सात सालों में हमने मिलकर कई कठिन परीक्षायें भी दी है और हर बार हम सभी पहले से ज्यादा मजबूत होकर ही निकले हैं। देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से हम सभी ने काम किया है। जब हम ये देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साजिश करने वालों का मुंहतोड़ जवाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है। जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नही करता तो हमें लगता है कि हम सही रास्ते पर हैं। अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं बल्कि अपने संकल्प से चलता है , तो हम सबको गर्व होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि इन सात सालों में भारत ने डिजिटल लेन- देन में दुनियां को नई दिशा दिखाने का काम किया है। हम रिकॉर्ड सैटेलाइट भी प्रक्षेपित कर रहे हैं और रिकॉर्ड सड़कें भी बना रहे हैं। इन सात वर्षों में ही देश के अनेक पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाये गये हैं। पूर्वोत्तर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है। मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 21 महीनों में ही साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी के कनेक्शन दिये गये हैं , इनमें से 15 महीने तो कोरोना काल के ही थे। गौरतलब है कि देश अभी कोरोना संकट का सामना कर रहा है और केंद्र को विपक्षी दलों द्वारा महामारी से निपटने और कोविड-19 टीकों की कमी को लेकर भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली और महाराष्ट्र सहित कई कोरोना प्रभावित राज्यों ने 18 से 44 साल के लोगों के लिये हो रहे वैक्सीनेशन अभियान पर रोक लगा दिया है। कई राज्यों का कहना है कि उनके पास टीकाकरण अभियान जारी रखने के लिये पर्याप्त वैक्सीन नहीं है।

Ravi sharma

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