सांसद के वेतन कटौती बिल सहित होम्योपैथी केन्द्रीय परिषद संशोधन विधेयक पास-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — वैश्विक कोरोना महामारी संकटकाल के बीच चल रहे संसद के मॉनसून सत्र के पांँचवें दिन राज्यसभा में सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने वाला संसद सदस्य वेतन भत्ता और पेंशन संशोधन विधेयक सहित होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक भी पारित हुआ। अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद ये बिल लागू हो जायेगा। इस विधेयक के पारित होने से होम्योपैथी के स्टूडेंट्स को गुणवत्ता के साथ-साथ सस्ती बढ़ाई मुहैया करायी जा सकेगी। इसके पहले सत्र के चौथे दिन राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने चीन मुद्दे पर बयान दिया था और लोकसभा में किसानों से जुड़े दो अहम बिल पास हुये थे। मानसून सत्र के पाँचवे दिन राज्यसभा ने अपने मौजूदा सदस्य अशोक गस्ती और पूर्व सदस्य कपिला वात्स्यायन के निधन होने पर उनको श्रद्धांँजलि देकर उनके सम्मान में आधे घंटे के लिये कार्यवाही स्थगित कर दी। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सुबह उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भाजपा नेता अशोक गस्ती और कपिला वात्स्यायन के निधन का जिक्र किया। गस्ती उच्च सदन में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व कर रहे थे वहीं कपिला दो बार उच्च सदन की मनोनीत सदस्य रहीं। राज्यसभा में भाजपा सासंद अशोक बाजपेयी ने मिसिंग बच्चों के मुद्दे पर शून्यकाल नोटिस दिया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर किसानों के आंदोलन पर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन द्वारा राज्यसभा में होमियोपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश और भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश पेश किया गया। केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने दोनों विधेयक पेश करते हुये कहा कि होमियोपैथी परिषद अपने दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा और उस पर अनियमिततायें, पारदर्शिता का अभाव तथा भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसलिये परिषद के स्थान पर संचालक मंडल की स्थापना की गयी थी। राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया कि होमियोपैथी केंद्रीय परिषद के गठन में तीन साल क्यों लग गये ? कांग्रेस सदस्य रिपुन बोरा ने कहा कि होमियोपैथी केंद्रीय परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और उसके स्थान पर संचालक मंडल की स्थापना की गयी थी। शुरू में कहा गया था कि एक साल के अंदर परिषद का गठन कर लिया जायेगा। बाद में वह समय बढ़ाकर दो साल कर दिया और अब इसके लिये तीन साल की बात की जा रही है।  उन्होंने सवाल किया कि दो साल बीत जाने के बाद भी इस परिषद का गठन क्यों नहीं हो सका ? होम्योपैथी (होमियोपैथी) केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक और भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक पर डीएमके सांसद टी शिवा ने राज्यसभा में कहा, ‘यह संघवाद की जड़ों पर प्रहार करने के लिये इस सरकार का एक और प्रयास है। जिस दिन से उन्होंने पदभार संभाला उस दिन से अधिकांश विधेयकों ने राज्य सरकार की शक्तियों को छीन लिया है। उनका कहना है कि स्थायी समिति ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि सलाहकार परिषद में राज्य चिकित्सा परिषदों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इसलिये यह सिफारिश की जाती है कि राज्य मेडिकल काउंसिल के निर्वाचित सदस्यों के प्रतिनिधित्व के लिये एक प्रावधान होना चाहिये। वहीं सदन में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद द्वारा गोमूत्र का मजाक उड़ाने के बाद राज्यसभा में हंगामा भी हुआ। वहीं सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2020 पारित होने पर गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने धन्यवाद देते हुये कहा कि यह समय बेहद गंभीर है। कोरोना वायरस से लड़ाई में सरकार को पैसे की आवश्यकता है ,इसलिये इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिये। वहीं सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना कार्यक्रम फंड को लेकर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा इसे स्थगित करने का फैसला अस्थायी है और हालात सुधरते ही बहाल कर दिया जायेगा। राज्यसभा में मंत्रियों के वेतन और भत्ते का (संशोधन) विधेयक पर बोलते हुये बंगाल के एआईटीसी सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि हम यहां पर सेवक है। देश इस वक्त संकट के दौर से गुजर रहा है इसलिये अभी सत्ता पक्ष और विपक्ष में यही होना चाहिये , हम इस बिल का समर्थन करते हैं। लोकसभा में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा चूंकि पीएम केयर्स फंड का नाम प्रधानमंत्री की संस्था से जुड़ा हुआ है इसलिये यह अधिक उपयुक्त नहीं होगा। इनके बयान पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, पीएम केयर्स फंड का विरोध सिर्फ इसलिये कि वे ईवीएम का विरोध कर रहे हैं और फिर कई चुनाव हार गये। उन्होंने बाद में जन धन, विमुद्रीकरण, तीन तलाक और जीएसटी को बुरा बताया , उन्हें हर चीज में खामी नजर आती है।
वहीं हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आधे घंटे तक के लिये सुरक्षित कर दी गयी थी। मानसून सत्र के दौरान वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने संसद में तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध कर रहे इन सांसदों की मांग है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) अंतर्वेदी मंदिर में हुए फाइबर नेट और भूमि घोटाले की जांच करे। सत्र के पाँचवें दिन विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

Ravi sharma

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