श्री गजेन्द्र मोक्ष देवस्थान में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया –हरिहर क्षेत्र

सोनपुर– विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर के प्रसिद्ध श्री गजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम् नौलखा मन्दिर में गुरुवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया । इस विशेष अवसर पर जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के अवतार लेने के उद्देश्य को विस्तार से बताया।

श्री स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण का केंद्रीय संदेश मनुष्य के लिए इच्छारहित कर्म में भाग लेना था – जो मानव अहंकार से नहीं, बल्कि दैवीय उद्देश्य से प्रेरित हो। इस तरह भगवान कृष्ण सर्वोच्च भगवान बन गए और उन्हें पूरी दुनिया का निर्माता माना जाता है। उनका जन्म भयानक शासकों और राजाओं से मानवता को बचाने के लिए हुआ था। श्री स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने आगे बताया कि श्रीकृष्ण, भगवान श्रीमन्नारायण अर्थात श्री विष्णु के अवतार थे। उन्होंने बताया कि कृष्ण की पहचान अंततः सर्वोच्च भगवान विष्णु-नारायण के साथ की गई और इसलिए, उन्हें उनका अवतार माना गया।

उनकी पूजा में विशिष्ट लक्षण संरक्षित थे, उनमें से प्रमुख दिव्य प्रेम और मानव प्रेम के बीच समानता की खोज थी। स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी ने कहा कि भगवान कृष्ण जी का जन्म द्वापरयुग में मथुरा में हुआ था। उनकी माता देवकी और पिता वासुदेव थे। द्वापरयुग में पृथ्वी पर राक्षसों के जघन्य पापों का बोझ था, विशेषकर देवकी के भाई कंस का। उस अत्याचार को समाप्त करने के लिए भगवान श्री विष्णु ने धरती माँ को आशीर्वाद दिया जिन्होंने उनका आशीर्वाद माँगा था और श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया। भगवान श्री कृष्ण ने बाल लीला में कई अत्याचारी की लीला समाप्त कर दी और बड़े होकर अपनी युवावस्था में भगवान कृष्ण मथुरा में अपने मामा कंस-अत्याचारी राजा को मार डाला और कंस के पिता उग्रसेन को मथुरा का राजा बना दिया। श्री स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने आगे कहा कि श्रीमद्भगवद् गीता से विचार करने के लिए कई श्लोक हैं जो साबित करते हैं, भगवान श्री कृष्ण सर्वोत्तम परमात्मा हैं और रानी रुक्मणी भगवान कृष्ण की पत्नी थीं।


श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मन्दिर को बहुत ही सुन्दर ढंग से सजाया गया था। रात्रि बारह बजे तक संगीतमय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इसके पहले उपर्युक्त अवसर पर मन्दिर प्रबंधक नन्द कुमार ने बताया कि आज देवस्थानम् में भगवान श्री गजेन्द्र मोक्ष, श्री बालाजी वेङ्कटेश, श्री श्रीदेवी, श्री भूदेवी, श्रीमहालक्ष्मी और अल्वार विग्रह सभी को विभिन्न रसायन एवं दिव्य जल से अभिषेक कर वस्त्राभूषण , सुगन्धित पुष्पमालाओं से अलंकृत किया गया । शाम साढ़े पांच बजे संध्या आरती के बाद भगवान श्री बालाजी वेङ्कटेश, श्री श्रीदेवी, श्री भूदेवी, श्री लड्डू गोपाल दोलारूढ़ कर दर्शनीय रखा गया। मध्य रात्रि ठीक बारह बजे बालकृष्ण श्री लड्डू गोपाल की मनोहारी झांकी दृश्यों के साथ श्री स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी ने” नन्द को आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की” गाते हुए आनन्दोत्सव मनाया।

उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया और महाप्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर मन्दिर मीडिया प्रभारी समाजसेवी लाल बाबू पटेल, ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर तिवारी, दिलीप झा, फूल झा,ममता पटेल, संजय सिंह, रमाकांत सिंह भोला सिंह, गोपाल सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया।

Ravi sharma

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