श्रीसुदर्शन संस्थानम् में महामृत्युंजय आराधना महोत्सव जारी-रायपुर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर – ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य पूज्यपाद श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज द्वारा संस्थापित धर्मसंघ पीठपरिषद्, आदित्यवाहिनी — आनन्द वाहिनी, राष्ट्रोत्कर्ष अभियान, हिन्दु राष्ट्र संघ छत्तीसगढ़ इकाई के प्रांतीय कार्यालय, श्रीसुदर्शन संस्थानम्, शंकराचार्य आश्रम, रावांभाठा रायपुर परिसर सभी सनातनी धर्मावलम्बियों के लिये आस्था के केन्द्र के रूप में स्थापित हो रहा है। कोरोना महामारी संकटकाल में जहाँ श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी में पूज्यपाद पुरी शंकराचार्य जी के पावन सानिध्य एवं दिव्य मार्गदर्शन में निरन्तर यान्त्रिक विधा से विभिन्न विषयों पर संगोष्ठियों के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व को समस्या निराकरण के लिये सकारात्मक दृष्टि मिल रही है, वहीं छत्तीसगढ़ के विभिन्न आध्यात्मिक केन्द्रों में आराधना महोत्सव की निरन्तरता के क्रम में मांँ बम्लेश्वरी मन्दिर डोंगरगढ़, भोरमदेव मन्दिर कवर्धा, हनुमान मन्दिर धमतरी, माँ महामाया मन्दिर रतनपुर, मदकूद्वीप सरगांव बिलासपुर , मांँ चन्द्रहासिनी मन्दिर चन्द्रपुर तथा श्रीसुदर्शन संस्थानम् रायपुर आश्रम में आराधना, पूजन, यज्ञ, रूद्राभिषेक आदि पर्वों के आयोजन से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ है, इसी क्रम में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर 15 जनवरी से 23 जनवरी तक श्रीसुदर्शन संस्थानम् रायपुर में महामृत्युंजय साम्बसदाशिव आराधना महोत्सव आचार्य झम्मन शास्त्री जी के आचार्यत्व एवं वैदिक विद्वानों के द्वारा सनातन संस्कृति संरक्षणार्थ , पर्यावरण शुद्धि , गो संरक्षणार्थ एवं कोरोना महामारी संकट निवारणार्थ साम्बसदाशिव महामृत्युंजय जप , आराधना महोत्सव , रूद्राभिषेक समारोह , सहस्रार्चन का भव्य कार्यक्रम संपादित हो रहा है। प्रतिदिन पूजन आराधना जप रुद्राभिषेक के साथ विविध द्रव्यों के द्वारा विशेष अर्चना किया जा रहा है। इस आराधना महोत्सव में विभिन्न जिलों के प्रतिनिधि यजमान के रूप में सहभागिता कर पुण्यलाभ प्राप्त कर रहे हैं।

भगवान शिव मंगल के धाम हैं – झम्मन शास्त्री
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सर्वहित की भावना से स्तुति करने पर भगवान् शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते है, उक्त उद्गार प्रकट करते हुये यज्ञाचार्य झम्मन शास्त्री जी ने श्रद्धालु भक्तों को बताया कि शिव भगवान मंगल के धाम है। कल्याणप्रद शंकर जी सुगम उपासना से भक्तों के लौकिक , पारलौकिक कामनाओ की पूर्ति कर देते है । सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं के हजारों नाम के द्वारा अर्चना का विधान है । नाम स्वरूप भेद से विविध सामग्री समर्पण कर भगवान के दिव्य चरणो में जीव भक्ति , मुक्ति तथा भोग की प्राप्ति कर सकते है, भगवान के चरणों में तन , मन, धन को धन्य बनाने के लिये यह शास्त्रीय परंपरा है। जीवन को सार्थक बनाने के लिये भगवान के विविध दिव्यतम सुगम नाम का अवलंब लेकर हम भगवत स्वरूप का विज्ञान सुगमता से प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रहे उपासना करते हुये स्वधर्म का पालन कर अपने लक्ष्य तक पहुंँच सकते हैं । ध्यान धारणा समाधि के रूप, सात्विक भाव युक्त सत्संग सेवा, सदाचार संयम का पालन करते हुये भजन का अवलंबन लेकर मन को परमात्मा तक पहुंँचा सकते हैं। इस आराधना महोत्सव में छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न जिलों से भक्तगण तथा धर्मसंघ पीठ परिषद , आदित्यवाहिनी-आनन्द वाहिनी, राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के सदस्य गण तथा श्री सुदर्शन संस्थानम् के सहयोगी भक्तगण पधारकर दर्शन एवं सत्संग का लाभ उठा रहे हैं। इस आराधना महोत्सव में प्रमुख रूप से राजेश तिवारी , सीमा तिवारी , नरेन्द्र शुक्ला , रंजन सिंह , डाॅ मुराली लाल शर्मा ,अमिताभ अग्रवाल , संतोष तिवारी , डॉ तोय निधि वैष्णव , उत्तम शर्मा , के० एन०मिश्रा, संजय सिंह , शिव प्रकाश मिश्रा , मोहन द्विवेदी, अरुण शर्मा , कुलदीप शर्मा ,संजय शर्मा , रमेश शर्मा , सुनीता शर्मा , कविता शर्मा , किरण शुक्ला , सरोजनी शर्मा , वीणा मिश्रा , शालिनी शर्मा , रामानुज तिवारी , चेतन दीवान , ईश्वर पाठक , योगेंद्र मिश्रा , पूर्णिमा दुबे , गीता तिवारी , योगेंद्र मिश्रा , स्मृति शर्मा , राजेन्द्र पंडा , वीरेंद्र शर्मा , बलदेव , भारती प्रेम ,रामबाई , भूषण , सुचित्रा शर्मा , पुष्पांजलि पण्डा आदि उपस्थित रहे। इस धार्मिक अनुष्ठान में आचार्य श्री के साथ पंडित रामप्रताप शास्त्री , जितेंद्र मिश्र , पूर्णानन्द चौबे , संतोष शर्मा , मणिकांत पाठक , अमर तिवारी , हिमांशु शर्मा , गीता दुबे ,कान्हा पाठक , राजेश्वर दुबे , लल्लन तिवारी जी वैदिक विद्वान पूजन यज्ञ कार्य में संलग्न है।

Ravi sharma

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