हाजीपुर,हरिहरक्षेत्र-आज प्रत्येक वर्ष कि तरह देश-दुनिया के साथ पुरे विश्व-ब्रह्माण्ड में शांति-सुरक्षा-समृद्धि के लिए “डिवाईन इंडिया सायंस एण्ड स्प्रिचुअल हैप्पीनेश एसोसिएशन-दिशा” के द्वारा प्राणिक हीलिंग के ध्यान भवन,महाराणा प्रताप काॅलोनी,स्टेशन रोड में शरद् पूर्णिमा के दिव्य अवसर पर पूर्ण चन्द्र ध्यान,
जल-ज्योति यज्ञ,पीथ्री मेडिटेशन एवं नि:शुल्क प्राणिक हीलिंग शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शरद् पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संस्था के संस्थापक सचिव एवं प्राणिक हीलिंग प्रशिक्षक आचार्य राजेश तिवारी ने बताया कि आज के दिन हम अगर पूर्ण चंद्रमा का ध्यान करते हैं,तो भरपुर मात्रा में प्राणिक दिव्य ऊर्जा धरती पर उतरती है और हम उससे प्रभावित होते हैं। स्वास्थ लाभ,धन लाभ के साथ साथ वातावरण में भी दिव्यता का संचार होता है।इस अवसर पर दिशा के राष्ट्रीय मिडिया प्रभारी पं० उमेश तिवारी ने लोगों से प्रतिदिन ध्यान करने,नमक-पानी से स्नान करने एवं भरपुर मात्रा में प्राणिक ऊर्जा प्राप्त करते रहन के लिए वैज्ञानिक महामंत्र गायत्री का जप करते रहने के लिए कहा।इस अवसर पर नि:शुल्क प्राणिक हीलिंग शिविर में काफी लोगों को बिना दवा एवं बिना स्पर्श चिकित्सा कि गयी। कोरोनाकाल समाप्त नहीं हुआ है इसके कारण बहुत लोगों ने आनलाईन भी इस कार्यक्रम मे भाग लिया एवं अपना बहुत अच्छा अनुभव बताया। प्राणिक हीलर मि० प्रबोध तिवारी ने सभी उपस्थित लोगों को ध्यान के वैज्ञानिक पहलुओं पर बताते हुए कहा कि आज के दिन ध्यान करने से मन में एकाग्रता आने लगती है। आज के दिन हम देशी गाय के दुध में सात्विक तरीके से खिर बनाकर उसमें तुलसी पत्र या विशेष औषधि भी डालकर अगर चंद्रमा के प्रकाश में रखते हैं,तो वह महाऔषधी बन जाता है।
कार्यक्रम के अंत में सबों को दिव्य महाप्रसाद भी वितरित किया गया।सबों ने अपने जीवन कि एक एक बुराई को भी छोङने का संकल्प लिया। साथ हि बिहार के चुनाव में जाती,धर्म,परिवार से उपर उठकर सिर्फ योग्य उम्मीदवार को हि वोट देने का संकल्प लिया।परमात्म शक्तियों से ध्यान के माध्यम से प्रार्थना भी किया कि बिहार का नाम रौशन करने वाला,सबका भला चाहने वाला सरकार बने।
आज के आयोजन को सफल बनाने में मि०सचिन मिश्र, बिट्टु राज, पप्पू कुमार, आकाश जैसवाल, अमित कुमार,साहिल कुमार, रंजन कुमार, प्रणव,अर्णव,पुष्पाञ्जली प्रज्ञा,अनुराधा रानी,अन्नपुर्णा भारती,सविता तिवारी एवं सावित्री देवी का सहयोग रहा।