राष्ट्रीय खेल दिवस पर भारत को दूसरा तोहफा-टोक्यो

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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टोक्यो — टोक्यो पैरालिंपिक में भाविना बेन पटेल 34 वर्षीया) ने टेबल टेनिस के विमेंस सिंगल्स में क्लास-4 कैटेगरी में भारत को पहला मेडल दिलाकर इतिहास रच दिया है। फाइनल में भाविना का मुकाबला वर्ल्ड नंबर-1 चीनी खिलाड़ी झोउ यिंग से था। यिंग ने भाविना को 11-7, 11-5 और 11-6 से हरा कर गोल्ड जीता , वहीं भाविना को सिल्वर मिला और उनका गोल्ड मैडल जीतने का सपना अधूरा रह गया। वे पैरालिंपिक में टेबल टेनिस का मेडल पक्का करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं।

पीएम मोदी ने दी बधाई
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टोक्यो पैरालम्पिक में टेबल टेनिस स्पर्धा के महिला सिंगल्स में सिल्वर मेडल जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाविना बेन पटेल से फोन पर बातचीत कर उसे बधाई दी। पीएम ने भावना की तारीफ करते हुये उनसे कहा कि उन्होंने इतिहास रच दिया है। पीएम ने भाविना को भविष्य के प्रयासों के लिये शुभकामनायें भी दी।इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा – असाधारण भाविना पटेल ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने देश के लिये ऐतिहासिक रजत पदक जीता है , इसके लिये उन्हें बधाई। उनकी जीवन यात्रा प्रेरणादायक है और वह युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करेंगी। गौरतलब है कि भाविना बेन को दो बार की स्वर्ण पदक विजेता झाउ यिंग ने सीधे मुकाबले में 7-11 , 5-11 , 6-11 से शिकस्त दी। हालांकि इसके बावजूद वह टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला पदक दिलाने में सफल रहीं। रजत पदक जीतने के बाद भाविना ने कहा – मैं बहुत खुश हूं कि पैरालंपिक में पहली बार पैरा टेबल टेनिस में पहली बार भारतीय महिला ने पदक जीतकर इतिहास रचा , मैं कोच को धन्यवाद देती हूं। मेरे रिश्तेदारों ने बहुत प्रेरित किया , मेरे जितने भी चाहने वाले है उन्हें और सभी देशवासियों को यह मेडल समर्पित करना चाहती हूं , उनके सहयोग से मैं यहां नहीं पहुंच सकती थी। भाविना बेन पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं. भारतीय पैरालंपिक समिति की मौजूदा अध्यक्ष दीपा मलिक पांच साल पहले रियो पैरालंपिक में गोला फेंक में रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं थी। व्हीलचेयर पर बैठकर खेलने वाली भाविना बेन को इस हफ्ते की शुरुआत में अपने पहले ग्रुप मैच में भी झाउ के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा था। भाविना पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भारत के लिये रजत पदक जीतकर वर्ष 2011 में दुनियां की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बनी थी। वहीं अक्तूबर 2013 में भाविना बेन ने बीजिंग में एशियाई पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में महिला एकल क्लास 4 का रजत पदक भी जीता था।

बचपन से है पोलियोग्रसित
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भाविना को 12 महीने की उम्र में ही पोलियो हो गया था। पैरा टेबल टेनिस में कुल 11 कैटेगरी होती है। कैटेगरी 01 से 05 तक के एथलीट व्हीलचेयर पर खेलते हैं और क्लास 06 से 10 तक के एथलीट खड़े होकर खेल सकते हैं। क्लास-11 के एथलीटों में मानसिक समस्या होती है , भारत की भाविना बेन पटेल ने भी व्हीचेयर के सहारे पोडियम तक का सफर तय किया है।

भारत की झोली में दूसरा मैडल
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वहीं टोक्यो पैरालंपिक में भारत के एथलीट निषादद कुमार ने देश को पुरुष हाई जंप में दूसरा मेडल दिला दिया है। निषाद ने 2.06 मीटर की ऊंची जंप लगाकर सिल्वर मेडल को अपने नाम किया। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के रहने वाले निषाद कुमार बेंगलुरु के कोचिंग कैंप में महीनों तक कड़ी मेहनत की है। निषाद कुमार ने वर्ष 2019 में दुबई में वर्ल्ड पैरा ऐथलेटिक्स ग्रांड फ्री में 2.05 मीटर हाई जंप लगाकर गोल्ड मेडल जीता था। इसी के साथ उन्होंने तोक्यो पैरालिंपिक का टिकट भी हासिल किया था। वर्ष 2019 में खेलों में डेब्यू करने वाले निषाद की जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है। पैरालिपिंक सिल्वल मेडल जीतते हुये उन्होंने एशियन रेकॉर्ड की बराबरी भी कर दी। फरवरी 2021 में वे साई बेंगलुरु कॉम्पलेक्स में कैंप के दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आ गये थे। उन्होंने ना केवल महामारी को मात दी , बल्कि टोक्यो की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। मेडल मिलने से उनके गांव में खुशियों का माहौल है।

Ravi sharma

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