रंगमंच की दशा एवं दिशा पर गोष्ठी का आयोजन

हाजीपुर-आज विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर वैशाली कलामंच , रंगायन,आदर्श चेतना सेवा संस्थान,लोक जयमंगल कलामंच और सृष्टि कलामंच के संयुक्त तत्वाधान में रंगमंच – “दशा एवं दिशा” विषय पर एक गोष्ठी की गई।
कार्यकर्म की अध्यक्षता श्री रामेश्वर भोजपुरी ने की । अपने संबोधन में श्री भोजपुरी ने कहा कि रंगकर्म की दिशा अगर हम बदल दे तो दशा खुद ही खुद बदल जायेगा।
विषय प्रवेश के साथ रंगायन के सचिव सह वैशाली कलामंच के नाट्य सचिव प्रकाश गौतम ने कहा कि हम नाटक की दशा बदलना तो चाहते है पर खुद को ही नही बदल पाते है, हम अपने अतीत का गुणगान करने की बजाय नाटक कर ले तो शहर को एक सांस्कृतिक दिशा प्रदान करे। गोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी ज्ञानेश गौतम ने कहा कि हम सतत रंगकर्म के लिए प्रयत्नशील रहे और ईमानदारी से अगर समय देंगे तो, फिर से नाटकों और सांस्कृतिक कार्यकर्मो से एक आंदोलन खड़ा कर सकते है । रंगकर्मी संजय दास ने आर्थिक पहलु पर विचार करने को कहा जिससे रंगकर्मी रंगकर्म करता रहे । कार्यक्रम को नवल किशोर सुमन, सूर्यमित,उत्तम कुमार,नजरुल होदा,बबलू सुल्तान,अमित कुमार,राजा कुमार आदि ने अपने विचार रखे.
अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए युवा रंगकर्मी उमेश तिवारी ने कहा कि हमें एक जुट होते हुए रंगकर्म को आगे बढ़ाना है एवं शहर को जगाने और जागने के लिए एक धमाका करने की जरूरत है,जो की एक नाट्य प्रस्तुति के रूप में हो।
विश्व रंगकर्म पर सभी ने महान नाटककार सेक्सपियर को याद किया और लगातार नाटक करते हुए रंगकर्म को एक नई ऊंचाई देने का संकल्प लिया।
रिपोर्ट-मनीष तिवारी

Ravi sharma

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