योग साधक कभी धैर्य नही खोता — प्रधानमंत्री मोदी-नईदिल्ली

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बिना लोगों के बड़े जमावड़े के डिजिटल मीडिया मंचों पर मनाया जा रहा है। छठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनायें देते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योगदिवस का ये दिन एकजुटता का दिन है. ये विश्व बंधुत्व के संदेश का दिन है। बच्चे, बड़े, युवा, परिवार के बुजुर्ग, सभी जब एक साथ योग के माध्यम से जुडते हैं, तो पूरे घर में एक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिये इस बार का योग दिवस, भावनात्मक योग का भी दिन है, हमारी पारिवारिक बॉन्ड को भी बढ़ाने का दिन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि COVID-19 वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र, पर हमला करता है और हमारे श्वसन तंत्र को मजबूत करने में प्राणायाम सबसे ज्यादा मदद मिलती है इसलिये आप प्राणायाम को अपने प्रतिदिन के अभ्यास में जरूर शामिल करिये और अनुलोम-विलोम के साथ साथ दूसरी प्राणायाम तकनीक को भी सीखकर उन्हें करिये। संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे- “एक आदर्श व्यक्ति वो है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है”किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है. योग का साधक कभी संकट में धैर्य नहीं खोता है. योग का अर्थ ही है- ‘समत्वम् योग उच्यते’ अर्थात, अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है।
गौरतलब है कि 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की। इसके बाद 2015 से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनियाँ भर में मनाया जाता है। वर्ष 2015 में पहली बार राजपथ पर 35000 लोगों के बीच योग दिवस मनाया था। इस साल की योग दिवस की थीम ‘घर पर योग और परिवार के साथ योग’ है। यह पहला मौका होगा जब इसे डिजिटल तरीके से मनाया जा रहा है।

Ravi sharma

Learn More →