“मौजूद मानवीय क्षमता का सतत आंकलन ही कामयाबी की कुंजी- डॉ॰ मनोज कुमार

“मौजूद मानवीय क्षमता का सतत आंकलन ही कामयाबी की कुंजी-

डॉ॰ मनोज कुमार

हर व्यक्ति खास और एक दुसरे से अलग है। रंग-रूप,वर्ण और नस्ल में बहुत सारी असमानता भी है। बात जब कामयाबी की आती है तो तस्वीरें अलग हो जाती है। सफलता मानवीय क्षमता के निरन्तर आंकलन से मिलती है। हर व्यक्ति अपने जीवन में आनेवाले विचारों, परिस्थितियों, संघर्षों और कठिनाइयों का सतत एवूल्यूशन द्वारा ही लक्ष्यों को खोज सकता है। छात्र जीवन में स्टुडेन्टस के सामने बहुत सारी अग्निपरीक्षा का सामना करना पङता है। एग्जामिनेशन से पार पाने का स्रोत भी आस-पास ही होता है। सिर्फ इंसान को अपने अंदर की ज्ञानेन्निद्रियों का समायोजन कर संबंधित घटनाओं से जोङने का जोखिम उठाना होता है। यह रिस्क ही विपरीत सिचुएशन्स में मनुष्य में ध्यान- एकाग्रता भरता है,उनमें आत्मविश्वास पनपाता है। लगातार यही अभ्यास मानवीकरण की सफलता का एहसास कराता है। उक्त विचारों को डॉ॰ मनोज कुमार वरिय नैदानिक चिकित्सा मनोवैज्ञानिक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय,पटना के टी.पी.एस कॉलेज के एलुमिनाई मीट में बोल रहे थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के सभी शिक्षको के प्रति उद्गगार व्यक्त किया।

उन्होनें महाविद्यालय में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य में गुणात्मक सुधार हेतु अपनी निःशुल्क सेवा की पेशकश की जिसे महाविद्यालय प्रशासन ने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। इस अवसर पर डॉ॰ कुमार द्वारा इस कॉलेज को नैक एक्रिडेशन में सुधार हेतु लिखित सुझाव दिया गया जिसे गंभीरतापूर्वक लिया गया ।आज के इस कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य में उत्कृष्ट योगदान व पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के इस महाविद्यालय परिवार की ओर से डॉ॰ मनोज कुमार को फूल देकर प्रधानाचार्य डॉ॰ प्रो उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने सम्मानित किया ।इस मौके पर राज्य सभा सांसद प्रो अखिलेश प्रसाद सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। इस अवसर पर डॉ॰ धरमवीर राम,डॉ॰प्रो रूपम,इंटक के स्टेट प्रेसिडेंट , विभिन्न विभागों के शिक्षक,शिक्षकेत्तर कर्मचारीगण,विभागाध्यक्ष व 300 से अधिक वर्तमान व पूर्ववर्ती छात्रों ने शिरकत की।

Ravi sharma

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