महिला नेशनल कबड्डी चैम्पिंयनशिप,दबदबे से हो रही किरकिरी-

पटना-बिहार राज्य कबड्डी संघ द्वारा 66वॉ महिला नेशनल कब्बडी चैम्पियनशिप का आयोजन पटना मे कराया जा रहा हैं.पुर्व मे भी बिहार राज्य कबड्डी संघ पर धांधली और दबंगता के आरोप लगते रहे है.ताजा मामले के अनुसार इस चैन्पियनशिप मे भाग लेने के लिए आंन्ध्रप्रदेश से भी महिला खिलाड़ीयो की दो टीमे आई है.वहां भी कबड्डी पर बिहार राज्य कबड्डी संघ की तरह ही अवैध रूप से कबड्डी के रास्ते राजनिती की रोटी सेंकने वाले काबीज थे. मगर हाईकोर्ट से केस जीत कर सरकारी नियमानुसार और एम्चयोर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार एन एस एफ कोड के द्वारा संगठन का चुनाव कर जो टीम भाग लेने आई थी उसे बिहार राज्य कबड्डी संघ के द्वारा मैच खेलने से ही रोकने की कोशिश की गई.जब टीम के कोच और महिला खिलाड़ीयो ने इसका विरोध किया तो बिहार राज्य कबड्डी संघ के पदाधिकारीयों द्वारा उनसे धक्का-मुक्की की गई.अंतत: बात बढ़ने पर मामले मे पटना पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा तब जा कर मामला शांत हुआ.

हालाकीं उसके बाद भी उक्त टीम के कुछ खिलाड़ीयों को नही खेलने दिया गया.बहरहाल बिहार मे भी कबड्डी के हालात अच्छे नही है.सुत्रो की माने तो बिहार की कबड्डी टीम मे कई खिलाड़ी दुसरे राज्यो के भी है.इस चैम्पियनशिप आयोजन को रोकने के लिए कबड्डी एसोशिएसन बिहार के अध्यक्ष शैलेश कुमार ने एम्चयोर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया और सुबे के मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई थी.इस संबंध मे पटना उच्च न्यायालय मे एक याचिका भी दायर की गई थी मगर कही से कोई सकारात्मक जवाब नही मिल सका.कबड्डी की एशियन गोल्ड मेडलिस्ट स्मिता कुमारी 2011 से ही इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं,खिलाड़ीयों के भवीष्य को देखते हुए कबड्डी एसोशिएसन बिहार के अध्यक्ष शैलेश कुमार ने भी इस मामले को हमेशा उठाया है. हैरत की बात ये है की बिहार राज्य कबड्डी संघ 21/Act1860 से रजिस्ट्रीकृत नही होते हूए भी बिहार सरकार से फंडिग का लाभ ले रही हैं,बिहार राज्य कबड्डी संघ खेल विधेयक 2013 से रजिस्ट्रीकृत है, बाद मे इस एक्ट 2013 को 2015 मे मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है.कबड्डी एसोशिएसन बिहार की ओर से संस्था के अध्यक्ष शैलेश कुमार ने इन सब मामलो से ईमेल के द्वारा सुबे के मुखिया नीतीश कुमार को भी अवगत करा चुके है.आखिर कब तक एक गैरकानुनी तरिके से संचालित संस्था अपने रसुख और दबदबे के दम पर सरकार से आर्थिक लाभ लेते हुए कबड्डी खिलाड़ीयों के भवीष्य से खेलती रहेगी.

Ravi sharma

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