बाल अपराध पर एक्शन मे सरकार,देश के 18 राज्यों में बनेंगी पॉक्सो एक्ट के तहत 1023 विशेष अदालतें-

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — बाल यौन उत्पीड़न और अपराधों के मामलों की जल्द सुनवाई के लिये महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। देश के अलग-अलग राज्यों में यह विशेष अदालतें अगले साल तक काम करना शुरू कर देंगी। इनमें महिला के यौन उत्पीड़न और बाल अपराधों से जुड़े पॉक्सो एक्ट के मामलों की सुनवाई होगी। फिलहाल, देश में 664 फास्ट ट्रैक कोर्ट काम कर रही हैं। प्रस्ताव के मुताबिक, 18 राज्यों में पॉक्सो एक्ट के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाये जाने हैं। इनमें महाराष्ट्र, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, मेघालय, झारखंड, आंध्रप्रदेश, बिहार, मणिपुर, गोवा, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, तमिलनाडु, असम और हरियाणा शामिल हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि विशेष अदालतों के निर्माण पर 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह रकम निर्भया कोष से मुहैया कराई जायेगी। इस बजट में 474 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और बाकी 226 करोड़ राज्य सरकारें देंगी। हर फास्ट कोर्ट को संचालित करने में सालाना करीब 75 लाख का खर्च आयेगा। इन्हें स्थापित करने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय के पास होगी जबकि कानून मंत्रालय हर तिमाही में सुनवाई की प्रगति रिपोर्ट तैयार करेगा।

Ravi sharma

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