अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
कोलकाता — विख्यात रंगकर्मी उषा गांगुली (75 वर्षीया) ने आज दुनियाँ को अलविदा कह दिया। वे लंबे समय से रीढ़ की हड्डी की समस्या से परेशान थी और उनका लगातार ईलाज चल रहा था। इसी बीच दिल का दौरा पड़ने के कारण कोलकाता में उनका निधन हो गया। उनका जन्म 1945 में उत्तरप्रदेश के कानपुर (नर्वा गाँव) में हुआ था। उनके निधन से पूरा रंगजगत स्तब्ध है। उन्होंने कोलकाता स्थित श्री शिक्षायतन कॉलेज से स्नातक करने के बाद कोलकाता को ही अपना कार्यक्षेत्र बनाया। कोलकाता जहां बंगाली थियेटर का बोलबाला था वहां उन्होंने हिंदी थियेटर को स्थापित किया। उषा गांगुली ने बहुत से नाटकों की प्रस्तुति दी जिनमें काशी का अस्सी, महाभोज, रुदाली, कोर्ट मार्शल और अंतरकथा ये सब रायपुर सहित देश भर में हो चुके हैं। काशीनाथ सिंह के उपन्यास पर आधारित उनका बहुचर्चित नाटक काशी का अस्सी बहुत चर्चित रहा, पूरे देश में इसका मंचन हुआ। अन्तरकथा उनका एकल नाटक था। रंगमंच में अतुलनीय योगदान के चलते उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार – रंगमंच – निर्देशन से सम्मानित भी किया गया था।