भगवान श्री रामानुजाचार्य की 1004 वीं जयंती समारोह संपन्न–सोनपुर

सोनपुर–हरिहरक्षेत्र के प्रसिद्ध नौलखा मन्दिर श्री गजेन्द्रमोक्ष देव स्थानम्,सोनपुर में आज 7 मई 2022 को भगवान श्री रामानुजाचार्य की 1004वीं जयन्ती धूमधाम से मनाई गयी.इस अवसर पर देव स्थानम् के पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने आद्यगुरु प्रमुख वैष्णवाचार्य भगवान रामानुजाचार्य के जीवन चरित्र का श्रवण कराया.उन्होंने कहा कि श्री रामानुजाचार्य विशिष्टाद्वैत वेदान्त के प्रवर्तक थे.श्री रामानुजाचार्य ने वेदान्त दर्शन पर आधारित अपना नया दर्शन विशिष्टाद्वैत वेदान्त गढा़ था. वस्तुतः ये चित् अर्थात् आत्म तत्व तथा अचित् अर्थात् प्रकृति तत्व ब्रह्म या ईश्वर से पृथक नहीं है, बल्कि ये विशिष्ट रुप से ब्रह्म का हीं स्वरुप है एवम् ब्रह्म या ईश्वर पर हीं आधारित है,यही रामानुजाचार्य का विशिष्टाद्वैत सिद्धान्त का सिद्धान्त है.

श्री स्वामी लक्षम्णाचार्य जी ने कहा जैसे शरीर एवम् आत्मा पृथक नहीं है तथा आत्म के उद्देश्य की पूर्ति के लिए शरीर कार्य करता है उसी प्रकार ब्रह्म या ईश्वर से पृथक चित् एवम् अचित् तत्व कोई अस्तित्व नहीं है,वे ब्रह्म या ईश्वर का शरीर है तथा ब्रह्म या ईश्वर उनकी आत्मा सदृश्य है.इस अवसर पर संस्थानम् के मैनेजर नन्द कुमार ने कहा कि वैष्णव आचार्यों के प्रमुख रामानुजाचार्य की शिष्य परम्परा के हीं रामानन्द स्वामी हुए जिनके शिष्य कबीर,रैदास और सूरदास हुए.

श्री रामानुजाचार्य सगुण ईश्वर के उपासक थे और इन्हें वैष्णव दर्शन का सबसे सम्मानित आचार्य माना जाता है. जयन्ती उत्सव में अनेकानेक भक्त व विद्वान सहित ज्योतिषाचार्य नन्द किशोर तिवारी,सुमन सिंह,अरविन्द सिंह(भूतपुर्व थाना प्रभारी,सोनपुर),विनोद मिश्र,रानी राय,पं झूना ओझा, समाजसेवी श्री लाल बाबू पटेल ,राज किशोर,नारायणी आदि शामिल हुए.

Ravi sharma

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