ब्रिटिश प्रधानमंत्री करेंगे जी-7 बैठक की अध्यक्षता-लंदन

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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लंदन — इस वर्ष 19 फरवरी को होने वाले जी-7 की बैठक में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करेंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट के अनुसार यह बैठक जून में ब्रिटेन की अध्यक्षता में होने वाली इस शक्तिशाली समूह के शिखर सम्मेलन का ही एक हिस्सा है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन भी बैठक में कोरोना वायरस , वैश्विक अर्थव्यवस्था और चीन के साथ उनके व्यवहार को लेकर चर्चा करेंगे। व्हाइट हाउस से मिली जानकारी के अनुसार यह अप्रैल के बाद से दुनियां के अमीर लोकतंत्र के जी-7 समूह के शीर्ष नेताओं की पहली बैठक है। इस सम्मेलन में भारत , दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया के नेताओं को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे जबकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बता दें अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बिडेन पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बतौर राष्ट्रपति सम्बोधन करेंगे। इस दौरान वे कोरोना वायरस से निपटने के लिये वैश्विक सहयोग की आवश्यकता और बहुपक्षीय संबंधों को लेकर अपना पक्ष रखेंगे. साथ ही कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम यानि वेक्सीन के निर्माण , वितरण और आपूर्ति को लेकर भी जानकारी साझा कर सकते हैं। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति से अमेरिकी लोगों को कई सारी उम्मीदें हैं, ऐसे में बतौर राष्ट्रपति जो बिडेन के संबोधन के अलावा इंटरनेशनल मार्केट पर भी सबकी खास नजर होगी। वे औद्योगिक राष्ट्रों की आवश्यकता पर बात करेंगे , ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी अर्थव्यवस्था के बेहतर होने से ‘‘महिलाओं और वंचित समूहों के सदस्यों सहित सभी श्रमिकों को लाभ मिले। व्हाइट हाउस के अनुसार विश्व की प्रमुख लोकतांत्रिक बाजार अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के साथ यह वर्चुअल बैठक वैश्विक कोरोना महामारी को पराजित करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण की योजना पर चर्चा करने हेतु राष्ट्रपति बिडेन के लिये एक अवसर प्रदान करेगा।

जी-7 क्या है ?
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जी-7 दुनियां की सात सबसे बड़ी कथित विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है। इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं , इसे ग्रुप ऑफ़ सेवन ( जी-7 समूह) भी कहते हैं। शुरुआत में यह छह देशों का समूह था , इसकी पहली बैठक साल 1975 में हुई थी। इस बैठक में वैश्विक आर्थिक संकट के संभावित समाधानों पर विचार किया गया था। पिछले साल कनाडा इस समूह में शामिल हो गया और इस तरह यह जी-7 बन गया। इस समूह की अध्यक्षता प्रत्येक सदस्य देश बारी-बारी से करता है और दो दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है। शिखर सम्मेलन के अंत में एक सूचना जारी की जाती है, जिसमें सहमति वाले बिंदुओं का जिक्र होता है।

Ravi sharma

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