बिहार के लोग गर्व के साथ मेड इन बिहार कपड़े पहनें और पहनाएं : संजय जैन

बिहटा और मुजफ्फरपुर बनेंगे होजरी उत्पादन के नये केंद्र : संदीप पाैण्डरीक

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पटना। सिकंदरपुर इंडस्ट्रियल एरिया, बिहटा में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभुकों द्वारा स्थापित इकाइयों और प्रसिद्ध होजरी निर्माता कंपनी टीटी लिमिटेड के सहयोग से निर्मित मेड इन बिहार होजरी उत्पादों के निर्माण और मार्केटिंग नेटवर्क को मजबूत करने के लिए मेड इन बिहार लोगो की लॉन्चिंग उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पाैण्डरीक तथा टीटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय जैन ने की। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव संदीप पाैण्डरीक ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 40,049 लोगों को चयनित किया गया है और उन्हें 2449 करोड़ रुपये की राशि सहायता के रूप में दी जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से जुड़े नए उद्यमियों की मदद के लिए बड़ी कंपनियों के साथ उनके तालमेल को सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि उन्हें कच्चा माल और मार्केटिंग की समस्या से निजात मिल सके और वे स्थायी रूप से उत्पादन का कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर बैग क्लस्टर में एक नामी ब्रांड की कंपनी के साथ मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना की 40 लाभुकों का टाई-अप कराया गया है और वह सभी ब्रांडेड बैग का निर्माण कर रही हैं। कई लोगों ने स्वतंत्र रूप से 1 साल के अंदर ही अपना व्यवसाय करना चालू कर दिया और अपना ब्रांड बना लिया है। बिहटा में होजरी के क्षेत्र में इस प्रयोग को दोहराया जा रहा है। इसके तहत पहले 8 लाभुकों को टीटी लिमिटेड के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में सिकंदरपुर इंडस्ट्रियल एरिया का अभूतपूर्व विकास हुआ है और यहां पर न सिर्फ ब्रिटानिया की फैक्ट्री चालू हो गई है बल्कि ई-रेडिएशन सेंटर और पैक हाउस सहित आधारभूत सुविधाओं का विकास किया गया है। उन्होंने कहा कि सिकंदरपुर इंडस्ट्रियल एरिया का पहला प्लग एंड प्ले शेड 50,000 वर्ग फीट का है, जो बनकर तैयार हो गया है और इसी शेड में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभुकों को स्थान उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि 50,000 वर्ग फीट आकार वाले दूसरे आठ शेड निर्माणाधीन हैं, सभी सेट 3 फ्लोर के होंगे। उन्होंने कहा कि सिकंदरपुर इंडस्ट्रियल एरिया को टेक्सटाइल क्लस्टर के रूप में विकसित करने के लिए उद्योग विभाग प्रयासरत है। इससे पहले मुजफ्फरपुर में भी एक टेक्सटाइल क्लस्टर बनाया गया है, जहां भी वी-2 तथा डब्ल्यू ब्रांड के कपड़े बनाए जा रहे हैं। कई दूसरे ब्रांड के उद्योगपति भी अपनी इकाई मुजफ्फरपुर में स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा कि भारत में होजरी का उत्पादन कोलकाता और तिरुपुर में मुख्य रूप से होता है। बिहटा और मुजफ्फरपुर होजरी उत्पादन के नए केंद्र बनें, इसके लिए कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार 13 करोड़ लोगों का एक विशाल कंज्यूमर मार्केट है। यदि आसपास के राज्यों के कंज्यूमर मार्केट को जोड़ दिया जाए तो बिहार मेड इन बिहार उत्पादों का कंज्यूमर मार्केट लगभग 40 करोड़ का हो जाता है। इतने बड़े मार्केट को फीड करने के लिए बिहार में बड़े पैमाने पर उत्पादन इकाइयों की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभुक गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता किए बिना कम कीमत पर ससमय मैन्युफैक्चरिंग सुनिश्चित करें तो उन्हें काफी लाभ होगा।

इस अवसर पर टीटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय जैन ने कहा कि टीटी कंपनी के प्रोडक्ट 65 से अधिक देशों में भेजे जाते हैं। बिहटा में करीब 400 मशीनों के साथ जो टेक्सटाइल कलस्टर स्थापित किया जा रहा है, यहां भविष्य में 4000 मशीनें भी काम कर सकती हैं, लेकिन उद्यमियों को क्वालिटी के साथ कोई कंप्रोमाइज नहीं करना होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में श्रम आधारित उद्योग जैसे टेक्सटाइल, लेदर और जेम प्रोसेसिंग की अपार संभावनाएं हैं। हमें इस बात पर फोकस नहीं करना है कि कितने करोड़ का निवेश बिहार में आएगा बल्कि फोकस इस बात पर रखना है कि जो भी निवेश आए उसे कितने अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। बिहार के लोग परिश्रमी होते हैं। पंजाब के खेतों से लेकर तमिलनाडु की फैक्ट्री तक में बिहार के लोग लगे हुए हैं और वहां की इकोनॉमी को मजबूत कर रहे हैं।

बिहार के लोग यदि बिहार में ही पूर्ण समर्पण के साथ काम करने लग जाएं तो कमाल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रम आधारित उद्योगों के लिए कच्चा माल या पूंजी समस्या नहीं होती है, उसे बाहर से लाया जा सकता है। बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर सूता भारत से और कपड़ा चीन से मंगाया जाता है, लेकिन गारमेंट एक्सपोर्ट में वह विश्व में नंबर वन बना हुआ है। इसी तरह वियतनाम के पास भी कच्चा माल नहीं है, लेकिन वहां गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग उद्योग काफी मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा कि हर शुरुआत छोटी होती है और धीरे-धीरे वह बड़ी होती चली जाती है। सबसे पहले हमें माइंड सेट पर काम करना होगा और उसके बाद मजबूत इकोसिस्टम तैयार करना होगा। प्लग एंड प्ले शेड के माध्यम से बिहार सरकार ने मजबूत इकोसिस्टम तैयार करने का कार्य किया है। नए उद्यमी पूरी लगन के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग गर्व के साथ मेड इन बिहार कपड़े पहने और पहनाएं, इससे बिहार की पहचान बनेगी और बिहार की इज्जत भी बढ़ेगी। वह दिन दूर नहीं जब बाहर के उद्यमी बिहार में अपना उद्योग लगाने के लिए लालायित होंगे। बिहार के लोग, बिहार के रिटेलर और कंज्यूमर मेड इन बिहार उत्पादों के बड़े ब्रांड एंबेसडर बन सकते हैं। नए उद्यमियों को सफलता का गूढ़ मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि प्रोडक्ट की क्वालिटी के साथ कभी कंप्रोमाइज नहीं करें।

अपने प्रोडक्ट को कॉम्पिटेटिव रेट पर रखें। कर्मचारियों को बेसिक ट्रेनिंग के साथ-साथ समय-समय पर स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग भी देते रहें और बिना घबराए हुए लगातार काम करते रहें। कार्यक्रम के प्रारंभ में तकनीकी विकास निदेशालय के निदेशक विवेक रंजन मैत्रेय ने टीटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय जैन और अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक का स्वागत किया। कार्यक्रम की समाप्ति पर उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित ने स्मृति चिह्न भेंट किया।

Ravi sharma

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