बारिश में पानी संचित हो — प्रधानमंत्री मोदी

बारिश में पानी संचित हो — प्रधानमंत्री मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 78 वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित करते हुये कोरोना- टीकाकरण , टोक्यो ओलंपिक्स और मॉनसून समेत कई विषयों पर चर्चा करते हुये देशवासियों से टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने , वैक्सीन लगवाने और बारिश का पानी संचित करने और आयुर्वेद को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की अपील की। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि देने से की। इस दौरान उन्होंने मिल्खा सिंह का देश के प्रति योगदानों को भी याद किया। टोक्यो ओलंपिक का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब बात टोक्यो ओलंपिक की हो रही हो, तो भला मिल्खा सिंह जी जैसे महान खिलाड़ी को कौन भूल सकता है। वे खेल के लिये इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने इसके लिये तुरंत हामी भर दी। लेकिन दुर्भाग्यवश नियति को कुछ और मंजूर था , कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया। जब वे अस्पताल में भर्ती थे तब मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला। मैंने कहा था कि आपने तो 1964 में टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इसलिये जब इस बार हमारे खिलाड़ी ओलंपिक के लिये टोक्यो में जा रहे हैं, तो आपको हमारे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना है, उन्हें अपने संदेश से प्रेरित करना है। पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के लिये जा रहे हमारे खिलाड़ियों के दल में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है , उनके माता-पिता मजदूरी कर परिवार चलाते हैं और अब उनका बेटा अपना पहला ओलंपिक खेलने टोक्यो जा रहा है। ये सिर्फ उनके माता-पिता ही नहीं बल्कि हम सभी के लिये गौरव की बात है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में तो अधिकांश खिलाड़ी छोटे-छोटे शहरों , कस्बों , गांवों से निकलकर आते हैं। जब टैलेंट , डेडिकेशन , डेटर्मिनेशन और स्पोर्ट्समैन स्पिरिट एक साथ मिलते हैं तब जाकर कोई चैम्पियन बनता है। उन्होंने महाराष्ट्र के सतारा जिले के प्रवीण जाधव , महिला हॉकी खिलाड़ी नेहा गोयल , कभी विश्व की नंबर वन तीरंदाज रहीं दीपिका कुमारी , यूपी के  मुजफ्फरनगर की प्रियंका गोस्वामी , भाला फेंक स्पर्धा में भाग लेने जा रहे वाराणसी के शिवपाल सिंह , चिराग शेट्टी , सात्विक साईराज , मनीष कौशिक , सीए भवानी देवी के जीवन संघर्ष की भी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने देशवासियों से टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने के लिये जाने वाले खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने की भी अपील की। पीएम ने कहा कि एक जुलाई को हम राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनायेंगे , ये दिन देश के महान चिकित्सक और स्टेट्समेन डाक्टर बी०सी०राय की जन्म-जयंती को समर्पित है। उन्होंने आगे कहा कि ‘कोरोना-काल में डॉक्‍टर्स के योगदान के हम सब आभारी हैं। हमारे डॉक्टर्स ने अपनी जान की परवाह ना करते हुये हमारी सेवा की है इसलिये इस बार नैशनल डॉक्‍टर्स डे और भी ख़ास हो जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो डाक्टर्स की मदद के लिये भी काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को संबोधित करते हुये आयुर्वेद और पौधों के औषधीय गुणों का भी जिक्र करते हुये कहा कि स्थानीय वनस्पतियों के माध्यम से आपके क्षेत्र की पहचान भी बढ़ेगी और आय का नया स्रोत भी मिलेगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि रामलोटन ने अपने खेत में एक देशी म्यूजियम बनाया है , इस म्यूजियम में उन्होंने सैकड़ों औषधीय पौधों और बीजों का संग्रह किया है। पीएम मोदी ने मॉनसून सीजन का जिक्र करते हुये कहा कि ‘बादल जब बरसते हैं तो केवल हमारे लिये ही नहीं बरसते , बल्कि बादल आने वाली पीढ़ियों के लिये भी बरसते हैं। बारिश का पानी जमीन में जाकर इकठ्ठा भी होता है , जमीन के जलस्तर को भी सुधारता है। हमें मानसून से घबराना नहीं है और पानी भी बचाना है।इसलिये मैं जल संरक्षण को देश सेवा का ही एक रूप मानता हूं।’ पीएम ने जल संरक्षण के क्षेत्र में किये गये कार्यों के लिये उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के सच्चिदानंद भारती का नाम लिया जिन्‍होंने उफरैंखाल क्षेत्र में पानी का बड़ा संकट समाप्त किया है। भारती ने गांव के खेतों में मेड़ बनाये और इससे पानी बचाये। हमें भारती से प्रेरणा लेकर पानी बचाना चाहिये , इस मौसम में हमें पानी को बर्बाद नहीं होने देना चाहिये। पीएम ने गांव में क्वारंटीन सेंटर बनाये जाने , अन्य प्रोटोकॉल बनाने का जिक्र करते हुये गांवों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि गांव के हर एक व्यक्ति को कोविड टीका लगना चाहिये। हमें सुस्त नहीं पड़ना है , किसी भ्रांति में नहीं रहना है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के दो रास्ते हैं। एक वैक्सीन लगवायें और दूसरा मास्क लगाकर अन्य प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने खुद की और अपने मां की अनुभव बताते हुये कहा वैक्सीन से डरने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने और मेरी मां ने वेक्सीन की दोनो डोज लगवा ली है , आप भी वेक्सीन लगवायें। एक साल पहले सबके समाने सवाल था कि वैक्सीन कब आयेगी ? पीएम मोदी ने अपना और अपनी मां का अनुभव बताया और कहा कि वैक्‍सीन से डरने की कोई जरूरत नहीं है। साल भर, रात-दिन इतने बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने वैक्सीन के लिये काम किया है और इसलिये हमें विज्ञान पर भरोसा करना चाहिये – वैज्ञानिकों पर भरोसा करना चाहिये। आज हम एक दिन में लाखों लोगों को मेड इन इंडिया वैक्सीन मुफ्त में लगा रहे हैं , यही तो नये भारत की नई ताकत है। उन्होंने ग्रामीणों से बात करते हुये सभी से यह कहने की अपील की कि जब भी आपका नंबर आये , कोरोना वैक्सीन जरूर लगवायें। प्रधानमंत्री मोदी ने युवा लेखकों की तारीफ करते हुये कहा कि बीसवीं और इक्कीसवीं सदी में जन्में युवा भी उन्नीसवीं सदी के स्वतंत्रता संग्राम को लेकर जानकारी जुटा रहे हैं और लिख रहे हैं। उन्होंने देशवासियों से अमृत महोत्सव से जुड़ने की भी अपील की। पीएम ने इंडिया फर्स्ट का मंत्र देते हुये कहा कि हमारे हर फैसले का यही आधार होना चाहिये।

Ravi sharma

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