फुट फुट कर रोया मशहूर रेत कलाकार,फिर रेत पर उकेर डाली महान विभूति वशिष्ठ नारायण की तस्वीर दी भावपूर्ण श्रंद्धाजलि

अनोखें अंदाज में सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण को दी श्रंद्धाजलि

सीतामढ़ी-बिहार के लाल और विश्व के महानतम गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह जी का निधन गुरुवार को बिहार के पटना पीएमसीएच में हो गया। और समस्त बिहार सहित देश शोक में डूब गया। इससे आहत होकर शुक्रवार को पूर्वी चंपारण से आये मशहूर युवा सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र कुमार ने पहले रोया फिर, सीतामढ़ी जिले के डुमरा एमपी हाई स्कूल परिसर में रखें बालू पर पांच घंटो के कठिन मेहनत के बाद प्रख्यात गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की विशाल आकृति उकेर डाली। और अपनी कलाकृति के माध्यम से अनोखें अंदाज में भावपूर्ण फूल अर्पित कर भावपूर्ण श्रंद्धाजलि दी।

सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने बताया कि इनके असमायिक निधन से देश को अपूरणीय छति हुई हैं। इन्होंने प्रख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत को चुनौती दी थी। बाद में असफल विवाह से उपजे तनावों के कारण इन्हें मनोविदलता ( सिज़ोफ्रेनिया ) नामक असाध्य मानसिक बीमारी हो गई। बाद के वर्षों में इन्हें सड़क पर भीख भी मांगते देखा गया। एक सज्जन ने इन्हें पहचाना तो इन्हें अस्पताल ले गए और इनके घरवालों को ख़बर दी। बंगलुरू के एक बड़े अस्पताल में भी इनका इलाज चला किंतु , इनकी मानसिक दशा सही नहीं हो पाई। कुछ दिनों पूर्व तबीयत अत्यधिक ख़राब होने पर पर पटना में अस्पताल पी एम सी एच में भर्ती कराया गया। लेकिन ईश्वर ने शिक्षा जगत के इस लाल को छीन लिया।

गौरतलब हो कि सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ऐसे ही महापुरुषों की जयंती व श्रंद्धाजलि देकर उन्हें याद करते हैं। और बालू पर कलाकारी कर दुनियां को पुरानी यादों को ताजा कर देते हैं।

मौके पर उपस्थित शिक्षक त्रिपुरारी प्रसाद ठाकुर, माधवजी, सुजीत कुशवाहा, प्रमोद कुशवाहा, ओमप्रकाश, शैलेंद्र कुमार झा, संतोष शर्मा, श्रवण गुप्ता, संजीव समीर, रामबालक समेत सैकड़ों लोगों ने मधुरेन्द्र के द्वारा बनायीं गयीं महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण की आकृति पर फूल पुष्व अर्पित कर श्रधांजलि दी।

Ravi sharma

Learn More →