अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
———————————–
नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा “देह वीचवा करणी ” का विमोचन किया। इसके साथ ही उन्होंने ‘प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ का नाम बदलकर ‘लोकनेता डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ रखने की घोषणा भी की।प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ की स्थापना 1964 में अहमदनगर जिले के लोनी में की गई थी। इसका मकसद ग्रामीण जनता को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना और बालिकाओं को सशक्त बनाना था। यह संस्था छात्रों के शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास के मुख्य मिशन के साथ काम कर रहा है। कार्यक्रम को संंबोधित करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के कारण वर्चुअली कार्यक्रम हो रहा है। देश ने पहली बार किसान की आय की चिंता करते हुये उसकी आय बढ़ाने के लिये निरंतर प्रयास किया है।उन्होंने कहा कि चाहे वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागू करने की बात हो या उसे बढ़ाने का फैसला, यूरिया की नीम कोटिंग हो या बेहतर फसल बीमा, सरकार ने किसानों की हर छोटी-छोटी परेशानियों को दूर करने की कोशिश की है। आज खेती को, किसान को अन्नदाता की भूमिका से आगे बढ़ाते हुये उसको उद्यमी बनाने की तरफ ले जाने के लिये अवसर तैयार किये जा रहे हैं। बालासाहेब पाटिल के जीवन की कथा महाराष्ट्र के हर कोने में मिलती है , उन्होंने आम लोगों की तकलीफ को कम करने का काम किया है। इसके साथ ही सत्य और राजनीति के जरिये समाज की भलाई का संदेश भी दिया है। बालासाहेब विखे पाटिल द्वारा किये गये कार्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। गरीबों, किसानों और ग्रामीणों का जीवन सुधारने के लिये काम किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने देवेंद्र फडणवीस सरकार की तारीफ भी करते हुये कहा कि फडणवीस सरकार के कार्यकाल में गांँव-गांँव तक पानी पहुंँचाने की चर्चा हर ओर हुई , महाराष्ट्र में जल जीवन मिशन के तहत पानी पहुंँचाने का काम जारी है। बालासाहेब पाटिल ने ग्रामीण इलाकों में शिक्षा और रोजगार के लिये शानदार काम किया , उनके संदेशों को कृषि सुधारों में उतारा गया है , सरकार किसानों के लिये नये अवसर तैयार कर रही है।इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस समेत अन्य कई नेता शामिल रहे।
कौन हैं बालासाहेब विखे पाटिल…
——————————————-
10 अप्रैल, 1932 को जन्मे पाटिल
विट्ठलराव विखे पाटिल के बेटे थे , जिन्हें महाराष्ट्र के लोनी में एशिया की पहली सहकारी चीनी फैक्ट्री शुरू करने का श्रेय दिया जाता है। बालासाहेब ने कई कार्यकालों तक लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया। बालासाहेब पहले कांग्रेस के सदस्य थे, लेकिन बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये। उन्होंने एक सांसद के रूप में महाराष्ट्र के कोपरगाँव और अहमदनगर (दक्षिण) निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा, उन्होंने 01 जुलाई, 2002 से 24 मई, 2003 तक केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री के रूप में अपनी सेवायें दीं। इससे पहले वे 1999 से 2002 के बीच केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री थे। वर्ष 2010 में समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने के लिये बालासाहेब विखे पाटिल को पद्म भूषण दिया गया था और 2016 में 84 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।