प्रखर समाजवादी नेता राजद के नींव के ईंट,फिर विश्वासघात क्यो?-अमरनाथ सिंह

पटना-बिहार के प्रखर समाजवादी नेता,क्षत्रिय कुल गौरव डॉ० प्रो रघुवंश प्रसाद सिंह राजद के नीवं के ईंट,फिर विश्वासघात क्यों ?
उक्त बातें अस्मिता परिवार के संस्थापक अध्यक्ष अमरनाथ सिंह ने आज बेगूसराय,समस्तीपुर आदि जिलों का दौरा कर रघुवंश प्रसाद सिंह के अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने हेतु जाने के क्रम में राजापाकर मुख्यालय पर मिडिया के साथियों से कहा. उन्होंने कहा कि हम और अस्मिता परिवार के हजारों साथी यह खबर सुनने के बाद स्तब्ध है. रघुवंश बाबू की मौत लालू परिवार के पावर की एक सोची समझी साजिश लगती है. घटनाक्रम को देखें तो लालू प्रसाद यादव जेल में है,इनके पुत्र ने एक समाजवादी नेता,महान गणितज्ञ,राजपूत जाती के अग्रणी नेता दलित-शोषित के आवाज और एक ईमानदार सफल राजनितीज्ञ कि तुलना एक लोटा पानी से कि.इस अपमान को वह बर्दाश्त नही कर सके.पूर्व केंद्रीय मंत्री एक कागज के छोटे से टुकड़े पर अपना त्यागपत्र दे दिया और जिस दल के लिए वह सारी जिंदगी लगे रहे.इसके बाद दल के लोगो ने तथाकथित रुप से मान मनौव्वल कि शुरुआत भी कि पर वे नहीं माने.अपने अंतिम सांसो तक 32 वर्ष की ईमानदारी से काम करने का फलाफल देखकर वह काफी दुखी थे. वही अपमान के शब्द उन्हें अपने साथ ले गई. आज हम सब के साथ साथ देश-विदेश के लाखों लोग दुखी हैं.समाजवाद का आखिरी नुमाइंदा चला गया.मैं पूछना चाहता हूं क्षत्रिय समाज के आइकॉन राजद नेता की उपेक्षा और अपमान क्यों?क्यों नहीं राजद नेताओं पर रघुवंश बाबू को परेशान करने और अपमानित करने वालों पर मुकदमा दर्ज कराया जाए. अपनों का अपमान और अपराधियों के साथ सांठगांठ ऐसे दोहरे चरित्र वाले दल के नेता और पार्टी कि भर्तसना करता हूं.रघुवंश बाबू के सपनों को साकार करने के लिए मैं सदा तत्पर और तैयार रहूंगा. रघुवंश बाबू को न्याय मिलना ही चाहिए. जन नायक जयप्रकाश नारायण, समाजवाद के पुरोधा लोहिया,कर्पूरी ठाकुर जी आदि समाजवादी नेता आज दुखी हो रहे होंगे.आज संपूर्ण बिहार रो रहा है. अब वक्त आ गई है न्यायार्थ संघर्ष शंखनाद की.मौके पर अस्मिता परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरनाथ सिंह के साथ समाजसेवी अमोद कुमार निराला, मुखिया अनिल दास,समाजसेवी दिनेश कुमार सिंह, वार्ड सदस्य चंदन कुमार घंटी,जुगनू सिंह आदि दर्जनों प्रमुख लोग उपस्थित थे तथा समाजवादी नेता कि मृत्यु से काफी दुखी और मर्माहत थे.

Ravi sharma

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