अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर — छत्तीसगढ़ में एक दिसम्बर 2019 से पहले ही सप्ताह में एक लाख 73 हजार 491 किसानों से 07 लाख 11 हजार 306 मैट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। धान विक्रय करने वाले एक लाख 26 हजार 897 किसानों को 700 करोड़ रूपये से भी अधिक का भुगतान किया जा चुका है।खाद्य विभाग के सचिव डाॅ. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि प्रदेश के वास्तविक कृषकों से धान खरीदी सुनिश्चित करने के लिये अवैध धान खपाने की कोशिशों पर लगाम कसने की प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही दूसरे प्रदेशों से आने वाले धान पर तथा कोचियों, बिचैलियों पर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। अब की स्थिति में कुल 02 हजार 270 प्रकरणों में 02 हजार 138 कोचियों और 132 अंतर्राज्यीय प्रकरणों में 29 हजार 170 टन अवैध धान की जप्ती की गयी है जिसमें 260 वाहनों के खिलाफ कार्यवाही की गयी है। प्रदेश में छोटे व्यापारियों द्वारा वैध तरीके से किसानों से धान खरीदने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में की गई घोषणा के अनुरूप एक ही प्रकार के कृषि उपज के संबंध में मंडी अधिनियम के तहत 04 क्विंटल के स्थान पर 10 क्विंटल के संग्रहण की अनुमति छोटे व्यापारियों को दी गयी हैै। प्रदेश में धान खरीदी की अपनी पूरी अवधि 15 फरवरी 2020 तक की जायेगी।धान खरीदी केन्द्रों के क्षमता के अनुसार किसानों को असुविधा से बचने के लिये टोकन जारी करने की व्यवस्था प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी गई है। धान की खरीदी के लिये छोटे-बड़े सभी किसानों से उनके पंजीकृत रकबे के अनुसार प्रति एकड़ 15 क्विंटल की दर से धान खरीदी सुनिश्चित की जायेगी एवं धान खरीदी के लिये प्रत्येक किसान को अपनी उपज बेचने का अवसर प्रदान किया जायेगा। प्रदेश में धान खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है शेष राशि के भुगतान के लिये अन्य राज्यों में प्रचलित योजना का अध्ययन कर पृथक योजना शीघ्र लागू की जायेगी। राज्य शासन द्वारा धान खरीदी के लिये आवश्यक धन राशि तथा बारदानों की व्यवस्था की गयी है।