पंच-सरपंच संघ ने मुख्यमंत्री को 16 वीं बार सौंपा मांगों का ज्ञापन,संघ कि अनदेखी पड़ सकती है महंगी-पटना

पटना-बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ की ओर से 16वां 5 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा गया है.ज्ञापन मे स्पष्ट रुप से कहा गया है कि प्राथमिकता के आधार पर जनहित में मांगों को पूरा करते हुए ग्राम कचहरी और इसके निर्वाचित जनप्रतिनिधि सरपंच,उपसरपंच,पंच तथा कर्मीगणों को सुविधा संपन्न बनाया जाए अन्यथा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पंच परमेश्वर अपने निर्णय लेने को स्वतंत्र होंगे. ज्ञापन में प्रतिनिधियों को वेतन,भत्ता, पेंशन,सुरक्षा,स्वास्थ्य एवं पूर्ण बीमा सुविधा देने,भू मापक अमीन,कंप्यूटर ऑपरेटर,न्याय मित्र,सचिव,ग्राम रक्षा दल एवं चौकीदार की नियुक्ति कराने,पंचायती राज अधिनियम 2006 संचालन नियमावली 2007 तथा नियमावली की धारा 90 से 112 का शत-प्रतिशत अनुपालन, ग्राम न्यायालय कार्य में पुलिस हस्तक्षेप बंद कर पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग सहित 13,12,13 एवं 22 जुलाई 2016 को बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों तथा वेबकास्टिंग के माध्यम से सभी 38 जिलों में सरपंच उपसरपंच के समक्ष पंचायती राज मंत्री, मुख्य सचिव ,प्रधान सचिव तथा डीजीपी के मौजूदगी में स्वयं मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिए गए पंचायत सशक्तिकरण हेतु वक्तव्य को लागू कर जमीनी हकीकत बनाते हुए संघ को सरकारी मान्यता प्रदान कर प्रतिनिधि कर्मी की हुई हत्या एवं कातिलाना हमले,मारपीट,गोलीकांड जैसे वाद का स्पीडी ट्रायल शुरू कराते हुए अपराधी एवं असामाजिक तत्व को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के साथ ही इच्छुक पंच परमेश्वर को सुरक्षा हेतु आग्नेयास्त्र की अनुज्ञप्ति प्रदान करने आदी की मांग रखी गई है. उक्त बातें प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताई.दुरभाष पर हुई वार्ता मे श्री निराला ने बताया कि मुख्यमंत्री महोदय के निर्देशानुसार तत्कालीन जनता दल यू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री प्रशांत किशोर जी के माध्यम से पूर्व दिनों पंच सरपंच संघ शिष्टमंडल से वार्ता हुई थी जिसमें उक्त सभी मांगो को प्राथमिकता देने की बात पर सहमति बनी थी.जिस की कॉपी मुख्यमंत्री महोदय को भी प्रशांत किशोर जी ने भेजी थी तथा हम लोगों को 15 दिन का समय मांग मानने हेतु दिया था.सर्वविदित है की राज्य के 75% ग्रामीण आबादी का प्रतिनिधित्व बिहार के पंच परमेश्वर करते हैं. गांव समाज में ग्राम कचहरी और इसके निर्वाचित प्रतिनिधि को न्याय की चौकी तथा पंच परमेश्वर,अल्लाह,ईश्वर के रूप में सम्मान मिलता है.

अब भी सरकार,शासन-प्रशासन हमारे प्रतिनिधियों की सुधि नहीं लेती है, नियमानुसार सुविधा सहयोग नहीं दी जाती है तो सूबे के पंच परमेश्वर घर- घर जाकर अपनी उपेक्षा और जनता के अपमान की बात जन-जन से साझा करेंगे,विधायक-सांसदों की कारगुजारी,बेईमानी आदि बताएंगे. जिसका खामियाजा सत्तासीन लोगों को निश्चित रूप से भुगतना पड़ेगा.आपको बता दे कि संघ का यह संगठन जिला से लेकर पंचायत के वार्ड स्तर तक कार्यरत है.किसी भी राजनीतिक दल के विरोध या समर्थन कि स्थिति मे संघ कि भुमिका महत्वपूर्ण होगी और संघ का रुख बड़े बदलाव का पूर्व संकेत देने मे सक्षम नजर आती है.

Ravi sharma

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