नवरात्रि पर प्रतिदिन लगने वाले भोग पर विशेष लेख, अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट-रायपुर-

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर — नवरात्रि एक हिन्दू महापर्व है जो वर्ष में चार बार पौष , चैत्र , आषाढ़ और आश्विन माह में आता है। लेकिन साल में दो बार चैत्र और आश्विन माह में ही खास तौर से नवरात्रि की पूजा की जाती है । शरद ऋतु के आश्विन माह में आने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रि का नाम दिया गया है। चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है। इस वर्ष नवरात्रि का शुभारंभ आज 25 मार्च से 02 अप्रैल रामनवमी तक रहेगा। नवरात्रि में मांँ भगवती के सभी नौ रूपों की अलग-अलग दिनों में पूजा की जाती है। इस बार नवरात्रि में किसी भी तिथि का क्षय नही है। नवरात्रि के कलश स्थापना करते ही नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाती है। इस नवरात्रि माँ दुर्गा का आगमन इस बार नौका पर और गमन हाथी पर हो रहा है, दोनों का फल शुभ है। 
आईये आपको बताते हैं कि माँ दुर्गा के नवों रूपों की पूजा करते समय कौन सी रंग के कपड़ा पहनने चाहिये और माता को क्या भोग लगाना चाहिये —
पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा का विधान है , इस दिन पीले रंग का कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है और इस दिन माँ भगवती को घी का भोग लगाया जाता है ताकि हम निरोग रहें। दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है , इस दिन हरे रंग का कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है और इस दिन लम्बी उम्र की कामना के लिये शक्कर का भोग लगाया जाता है। तीसरे दिन चंद्रघंटा की पूजा का विधान है इस दिन हल्के भूरे रंग का कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है और समस्त दुखों के नाश के लिये माँ भगवती को दूध का भोग लगाया जाता है। चौथे दिन कुष्माण्डा की पूजा का विधान है इस दिन संतरा रंग का कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है और इस दिन देवी को मालपुआ का भोग लगाया जाता है पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है इस दिन सफेद रंग का कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है एवं केला का भोग लगाया जाता है। छठवे दिन कात्यायनी की पूजा का विधान है इस दिन लाल रंग का कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है और इस दिन शहद का भोग लगाया जाता है। सातवें दिन कालरात्रि की पूजा का विधान है इस दिन नीले रंग का कपड़ा पहनना शुभ है और इस दिन देवी को गुड़ या नींबू काटकर अर्पित किया जाता है। आठवें दिन महागौरी की पूजा का विधान है इस दिन गुलाबी कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है और नारियल का भोग लगाया जाता है। नवरात्रि के अंतिम दिन माँ भगलती की पूजा सिद्धिदात्री के रूप में की जाती है इस दिन बैगनी रंग का कपड़ा पहनना शुभ होता है और देवी को अनार का भोग लगाना अत्यंत लाभदायक माना जाता है।

Ravi sharma

Learn More →