अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
बक्सर — देश के पहले लोकसभा सदस्य और बिहार के डुमरांव राज के अंतिम महाराज कमल बहादुर सिंह (93 वर्षीय) का आज निधन हो गया। बक्सर जिले के भोजपुर स्थित कोठी पर उनका पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिये रखा गया है। और कल सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ उनका घनिष्ठ संबंध था। उनके प्रभाव के कारण ही उन्होंने जनसंघ की सदस्यता ग्रहण की थी। स्वतंत्रता के बाद शाहाबाद में शिक्षा और सामाजिक विकास में उनका अहम योगदान रहा। उनके निधन से पूरे शाहाबाद इलाके में शोक की लहर है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुये कहा है कि एक स्वर्णिम और गौरवशाली अतीत का अंत हो गया। वर्ष 1952 में आजाद भारत में हुये पहले आम चुनाव में कमल सिंह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी बक्सर (तब शाहाबाद नॉर्थ वेस्ट) सीट से मैदान में उतरे और कांग्रेस की कलावती को हराकर पहली बार संसद पहुंचे थे। 1957 में हुये दूसरे लोकसभा चुनाव में भी कमल सिंह को जीत मिली उन्होंने कांग्रेस के हरगोविंद मिश्रा को हराया था। 1962 में हुये आम चुनाव में वे कांग्रेस के अनंत प्रसाद शर्मा से चुनाव हार गये। पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के कहने पर अटल बिहारी वाजपेयी, कमल सिंह को लेकर भाजपा में आये। वीपी सिंह कमल बहादुर सिंह के समधी थे। वर्ष 1989 में हुये आम चुनाव में भाजपा ने उन्हें बक्सर से टिकट दिया लेकिन वे सीपीआई के तेज नारायण सिंह से चुनाव हार गये। वर्ष 1991 में दोबारा चुनाव हारने के बाद कमल सिंह ने राजनीति से संन्यास ले लिया।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक,कल होगा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि शिक्षा और सामाजिक विकास में स्व. कमल बहादुर सिहं का अहम योगदान रहा है। उनके निधन से एक स्वर्णिम और गौरवशाली अतीत का अंत हो गया है। सिंह ने शिक्षा एवं स्वास्थ के क्षेत्र में मुक्तहस्त से जमीन और संसाधन दान दिये। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अपरूणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा।उन्होंने दिवगंत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।