अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
जगन्नाथपुरी — पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धन मठ पुरीपीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती जी महाभाग ने देशवासियों को पावन सन्देश देते हुये देशभक्त राजनेताओं , न्यायविदों और विचारशील लोकनायकों से सस्नेह और सादर यह अनुरोध किया है कि आप विकास तथा शान्ति के नाम पर विमुग्धता से स्वयंको सुदूर रखते हुये श्रीमहाराणाप्रताप, श्रीशिवाजी, श्रीमती लक्ष्मीवाई तथा महामना मङ्गलपाण्डेय आदि देशभक्त वीरों तथा श्रीभगतसिंह आदि शूरों की पवित्र गाथा का स्मरण करें। आप स्वतन्त्र भारत में ०७ नवम्बर १९६६ को दिल्ली में मरवाये गये प्रशान्त गोभक्तोंका और कालान्तर में श्रीरामजन्मभूमि अयोध्यामें गोली से भुनवाये गये तथा गोधरा में जलवाये गये श्रीरामभक्तोंका स्मरण करें। आप मानवोचित शील की सीमामें अपेक्षित न्यायके पक्षधर हों , न कि आरम्भ, मध्य और अन्त में केवल विमोहक अथवा आरम्भमें अमृतसदृश और परिणाममें विषसदृश विघातक प्रकल्पके पक्षधर। आप अन्याय सहिष्णुता के पक्षधर न होकर मानवोचित शील तथा स्नेह की सीमा में अयोध्या, मथुरा और काशी को शान्ति के नाम पर आतंकवाद का सम्भावित गढ़ होने से बचावें। आप पवित्र भारतभूमि में कहीं भी प्रतीक के रूप में तथा प्रतिशोध की भावना से उस या उस – सरीखे किसी भी लाञ्छित व्यक्ति के नाम पर मस्जिद या शिक्षण – प्रशिक्षण संस्थान न बने, तदर्थ अपनी कटिबद्धता का परिचय दें। हमारी उदारता हमारे अस्तित्व और आदर्श का विघातक न हो, इस तथ्य का सदैव ध्यान रखें।