त्रिपुरा में पशुओं की बलि पर हाईकोर्ट ने लगाया रोक

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

त्रिपुरा (अगरतला) — त्रिपुरा हाईकोर्ट ने राज्य के मंदिरों में जानवरों और पक्षियों की बलि पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि ‘राज्य समेत किसी भी व्यक्ति को त्रिपुरा राज्य के मंदिर परिसर या आसपास किसी भी पशु या जानवर की बलि देने की अनुमति नहीं होगी।’
चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अरिंदम लोध की पीठ ने यह फैसला साल 2018 में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद दिया।
पीठ ने अपने आदेश में गोमाती और पश्चिम त्रिपुरा के डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट और कलेक्टरों को यह भी आदेश दिया कि वे त्रिपुरेश्वरी मंदिर और चतुर्दस देवता बारी मंदिर में इन आदेशों का अनुपालन करायें। इसके साथ ही संबंधित प्राधिकरण को इन मंदिरों के परिसरों में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग की सॉफ्ट कॉपी हर महीने उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि देवी को बलि के नाम पर जानवरों का वध करना सामाजिक बुराई वाली एक प्रथा है। यह संवैधानिक जनादेश और भावना के खिलाफ है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यह प्रथा जानवरों के प्रति क्रूरता है।

Ravi sharma

Learn More →