जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा उन्हें सबक सिखाया गया-पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — भारत और चीन के बीच उपजे तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल देर शाम सर्वदलीय बैठक बुलायी जिसमें कांग्रेस सहित बीस राजनीतिक दलों के नेताओ ने भाग लिया। इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह नेसभी विपक्षी नेताओं को चीन के साथ गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प की जानकारी देते हुये कहा कि हमारी सेना चीन सीमा पर पूरी तरह मुस्तैद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लद्दाख में हमारे 20 जांँबाज शहीद हुये , लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गये हैं। ना वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, ना ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है। बैठक में ज्यादातर विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा जताते हुये कहा कि चीन के खिलाफ सरकार के हर कदम को उनका समर्थन है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पूरा देश एकजुट है। आज हमारे पास ये क्षमता है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। आज भारत की सेनायें अलग-अलग सेक्टर्स में, एक साथ मूव करने में भी सक्षम है।

सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने विपक्ष पर दागे कई तीखे सवाल

इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि इस दर्दनाक टकराव के बाद हमारा मन गहरी वेदना और आक्रोश से भरा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘देश सरकार से भरोसा चाहता है कि एलएसी पर यथास्थिति बहाल हो. माउंटेन स्ट्राइक कोर का क्या हुआ? इस बारे में विपक्ष के दलों को नियमित रूप से बताया जाना चाहिये। चीन के सैनिक किस दिन भारतीय इलाकों में दाखिल हुये ? इस अतिक्रमण के बारे में सरकार को पता कब चला? क्या इस घुसपैठ के बारे में सरकार को सैटेलाइट तस्वीरें नहीं मिली थीं? क्या खुफिया एजेंसियों ने वहां असामान्य गतिविधियों की रिपोर्ट नहीं दी थी?’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सर्वदलीय बैठक और पहले बुलानी चाहिए थी। इस समय भी हमें अंधेरे में रखा जा रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सीमा पर गश्ती के दौरान जवानों को हथियार लेकर जाना है या नहीं? इस पर फैसला अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के अनुरूप होता है। हमें इस तरह के संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है। बैठक में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के मुखिया एवं राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि बैठक के दौरान सभी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी में भरोसा जताया। उन्होंने कहा, ‘पिछले समय में भी हमने देखा है कि जब कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आई है तो पीएम ने ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं। बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल-यूनाइटेड के प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा कि देश भर में चीन के खिलाफ गुस्सा है। इस मसले पर हम लोगों के बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिये ,संकट की इस घड़ी में हम सभी साथ है। बीजद के पिनाकी मिश्रा ने कहा, ‘चीन का इतिहास धोखा देने का रहा है , एक बार फिर उसने रात के अंधेरे में कायरतापूर्ण कार्रवाई की है। हमारे सैनिक शांति का संदेश लेकर गये थे लेकिन उन्होंने उन पर हमला कर दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘चीन में लोकतंत्र नहीं है. वहां पर तानाशाही है. वे वही करते हैं जो उन्हें अच्छा लगता है. जबकि हमें मिलकर काम करना होता है. इस लड़ाई में भारत की जीत होगी और चीन हारेगा. हमें एकजुटता से बोलना, सोचना एवं काम करना होगा. हम सरकार के साथ हैं. चीन को दूरसंचार, रेलवे और उड्डयन क्षेत्र में ना आने दें। हमें कुछ दिक्कत हो सकती है लेकिन हमें चीन को इन क्षेत्रों में आने की इजाजत नहीं देनी चाहिये।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘देश सरकार से भरोसा चाहता है कि एलएसी पर यथास्थिति बहाल हो. माउंटेन स्ट्राइक कोर का क्या हुआ? इस बारे में विपक्ष के दलों को नियमित रूप से बताया जाना चाहिये। चीन के सैनिक किस दिन भारतीय इलाकों में दाखिल हुये ? इस अतिक्रमण के बारे में सरकार को पता कब चला? क्या इस घुसपैठ के बारे में सरकार को सैटेलाइट तस्वीरें नहीं मिली थीं? क्या खुफिया एजेंसियों ने वहां असामान्य गतिविधियों की रिपोर्ट नहीं दी थी?’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सर्वदलीय बैठक और पहले बुलानी चाहिए थी। इस समय भी हमें अंधेरे में रखा जा रहा है।

Ravi sharma

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