जाने कौन है हिंदुस्तान के एक सूबे के वो सीएम जिनकी जाति की जांच सालों से हो रही है-

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर-आज हम आपको बतायेंगे हिंदुस्तान के एक सूबे के एक ऐसे मुख्यमंत्री के बारे मे जिनके जाति की जांच पिछले कई सालों से चल रही है.आपको बता दे की इस मामले मे एक कलेक्टर भी नप चूके है.

जी हां वो शख्स है छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी.

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी

ताजा जानकारी मे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति मामले की जाँच कर रही आदिम जाति विभाग के सचिव डी.डी. सिंह की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है. हाईपावर कमेटी ने अजीत जोगी के सभी जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया है. कमेटी ने तय किया है कि जोगी को अनुसूचित जनजाति के लाभ की पात्रता नहीं होगी. हाईपावर कमेटी ने छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के नियम 23 (3) एवं 24 (1) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही के लिए बिलासपुर कलेक्टर को निर्देशित किया है. वहीं नियम 2013 के नियम 23(5) के प्रावधानों के तहत उप पुलिस अधीक्षक को प्रमाण पत्र जप्त करने के निर्देश दिए हैं। पिछले दिनों हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की डिवीजन बेंच ने अजीत जोगी की उस याचिका को खारिज किया था, जिसमें उन्होंने हाईपावर कमेटी के समक्ष पेश होने की नोटिस को खारिज करने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में अजीत जोगी को कमेटी के समक्ष एक महीने के भीतर उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने को कहा था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अजीत जोगी ने 21 अगस्त 2019 को हाईपावर कमेटी के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत किया था।

गौरतलब है कि इसके पहले रमन सिंह के कार्यकाल के वक्त में भी अजीत जोगी की जाति को लेकर छानबीन समिति बनी थी। रीना बाबा साहब कंगाले के नेतृत्व में बनी कमेटी को तब पूर्व मुख्यमत्री अजीत जोगी ने ये कहकर चुनौती हाईकोर्ट में दे दी थी कि रीना बाबा कंगाले की कमेटी कोरम नहीं पूरा करती । रिपोर्ट में कई जगहों पर रीना बाबा ने खुद ही हस्ताक्षर किया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में दोबारा से छानबीन समिति बनाने का निर्देश दिया था। भूपेश सरकार ने इस मामले में डीडी सिंह की अधय्क्षता में छानबीन समिति बनायी थी। जिसने आज ये फैसला लिया है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं है।

Ravi sharma

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