छत्तीसगढ़ी संस्कृति प्रदर्शन को राजपथ पर मिला अवसर,अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट- रायपुर-

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर —   गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली के राजपथ पर इस बार फिर से छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला और संस्कृति के रंग बिखेरने का अवसर प्राप्त हुआ है । गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर होने वाले मुख्य समारोह के लिये राज्य की झांकी को रक्षा मंत्रालय की एक्सपर्ट कमिटी ने मंजूरी दे दी हैं । छत्तीसगढ़ के पारंपरिक शिल्प और आभूषणों की विषयवस्तु पर आधारित की झांकी को पाँच राउंड की कठिन चयन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली हैं । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस पर खुशी जाहिर करते हुये राज्य की जनता को बधाई दी हैं । उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देश-विदेश के लाखों दर्शकों के सामने अपनी अनूठी पहचान बनाने का अवसर मिलेगा। झांकी के साथ बस्तर के 25 आदिवासी नर्तकों का एक दल भी होगा। यह दल राजपथ पर झाँकी के साथ माड़िया नृत्य प्रस्तुत करेगा। यही दल बाद में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी लोकनृत्य कला को प्रदर्शित करेगा। गौरतलब है कि गत वर्ष राज्य की झांकी को राजपथ पर मुख्य समारोह में भाग लेने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ था ।देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच कठिन चयन प्रक्रिया से गुजर कर छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन हुआ है । महाराष्ट्र , दिल्ली , बिहार , उत्तराखंड , पश्चिम बंगाल , झारखंड जैसे कई राज्यों की झांकी का चयन नहीं हो पाया हैं । ऐसे में राज्य की झांकी का राजपथ पर निकलना गौरव की बात होगी । राज्य के जनसंपर्क विभाग ने राज्य की और से हरेली पर्व , राजिम माघी पुन्नी मेला और कांगेर घाटी की जैव विविधता विषयवस्तु को भी एक्सपर्ट कमिटी के समक्ष प्रस्तुत किया था लेकिन कमिटी ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक शिल्प कला और आभूषणों पर आधारित विषयवस्तु का चयन किया।

Ravi sharma

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