गौठान से खेती की लागत कम होगी,आजीविका के साधन बढ़ेंगे — बघेल

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपनी पहली रेडियोवार्ता लोकवाणी के जरिये प्रदेश की जनता से रुबरू हुये। इस रेडियोवार्ता मेें उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा बदलने के लिये सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों एवं कार्यो की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण जनजीवन को खुशहाल बनाने के लिये शुरू की गई महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना को विस्तार से बताया। कृषि और ग्रामीण विकास विषय पर पहली कड़ी में जनताओं द्वारा पूछे गये सवालों के जबाव भी दिये। लोगों ने मुख्यमंत्री द्वारा लिये गये ऐतिहासिक फैसलों 2500 रूपये में धान खरीदी, तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर 4 हजार रूपये मानक बोरा करने के साथ ही छत्तीसगढ़ के पारम्परिक त्यौहार हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश के लिए बधाई भी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार है। हमने 2500 रू. क्विंटल में धान खरीदी, कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी का निर्णय लिया ताकि जितनी जल्दी हो सके किसानों को अपना खोया हुआ मान-सम्मान वापस मिल सके। विज्ञान और तकनीक की मदद से प्रदेश में 1000 नरवा को पुनर्जीवित करने की योजना एवं कार्य तेजी से जारी है । प्रदेश भर में गौठान के लिये 2000 गाँवों को चिन्हित किया गया है जहाँ 900 गोठानों का लोकार्पण हो चुका है । गौठान से खेती की लागत कम होगी और इसके साथ ही आजीविका के साधन भी बढ़ेंगे।गौठानों में गोबर से वर्मी खाद, उबटन, धूपबत्ती,  गौमूत्र से विभिन्न औषधि आदि के निर्माण से गौठान समिति की आय होगी। अनाज में रासायनिक खाद और दवाईयों के दुष्प्रभाव को जैविक खेती से दूर किया जा सकता है। नरवा, गरवा,घुरवा, बारी योजना के संचालन की मांग लगातार आ रही है। शहरों में गोवंशों को खुले में छोड़ने से होने वाली दिक्कतों से निजात दिलाने गौठानों का संचालन किया जायेगा।

Ravi sharma

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