केन्द्रीय कृषि कानून काला कानून है – भूपेश बघेल

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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रायपुर — केंद्र ने बिना किसी से चर्चा कर कृषि कानून बनाया है , इसका खामियाजा आज किसानों को भुगतना पड़ रहा है। बिना किसी संगठनों के माँग के , बिना किसी राजनीतिक दल के विचार विमर्श के ये तीनों काले कानून बनाये गये हैं। इस कानून से किसानों का कोई भला होने वाला नही है। केंद्र सरकार की तीनों कानून काला कानून है जो किसानों के खिलाफ है। ये बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी के राजीव भवन में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने आगे कहा कि देश के सभी किसान संगठनों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है। सीएम बघेल ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलते हुये कहा कि भाजपा किसानों के हितैषी कानून बताते हैं जबकि ये पूंजीपति के लाभ के लिये बनाया गया कानून है। भाजपा सिर्फ झूठ बोलने की फैक्ट्री है , किसान अब उनके झांसे में नहीं वाली हैं। उन्होंने कहा कि जब किसान को कानून पसंद ही नहीं तो इसकी जरूरत क्या है ? केंद्र की सरकार सिर्फ किसानों को लूटने की कोशिश कर रही है। इस कानून में संशोधन की गुंजाइश नहीं है। किसान को हांँ या ना में जवाब चाहिये। सीएम बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की जिस तरह की व्यवस्था की गई है, चाहे समर्थन मूल्य में खरीदी की बात हो या फिर न्याय योजना के तरह किसानों के खाते में पैसा पहुंँचाने की व्यवस्था। उसे दूसरे प्रदेशों में भी क्यों लागू नहीं किया जा सकता ? उन्होंने कहा कि यदि आप निजी क्षेत्र में मंडी देना चाहते हैं तो हम विरोध नहीं करेंगे। इसमें आप एक लाईन और जोड़ दीजिये कि कोई भी मंडी हो या मंडी के बाहर निजी मंडी हो या पैन कार्ड धारी हो वो समर्थन मूल्य से नीचे खरीदी नहीं करेंगे। और सरकार पूरे देश में समर्थन मूल्य में अनाज खरीदी की व्यवस्था करे। लेकिन केन्द्र सरकार की हठधर्मिता अनेक दौर की बैठक केन्द्रीय मंत्रियों के साथ होने के बाद भी हजारों लाखों किसान सड़क पर बैठे हैं। पानी की बौछार और अश्रुगैस व लाठीचार्ज करने के बाद भी डटे हुये हैं। इसका पूरा समर्थन कांग्रेस पार्टी ने अखिल भारतीय स्तर पर किया है। मंदी के बारे में सीएम ने कहा कि पूरे देश में मंदी का असर है लेकिन छत्तीसगढ़ में इसका कोई असर नही है। उन्होंने धान खरीदी को लेकर कहा कि 2300 से अधिक धान खरीदी केंद्र में धान खरीदी चल रही है। बारदाना कि जो समस्यायें थी उसे दूर कर लिया गया है , साथ जो किसान धान बेच रहे हैं उन्हें समय पर भुगतान किया जा रहा है।

Ravi sharma

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