अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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उज्जैन — उज्जैन में कल बाबा महाकाल की भादो मास की पहली सवारी पुलिस बैंड के साथ निकली। ऐसी मान्यता है कि भगवान खुद पालकी में सवार होकर भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलते हैं। राजशाही महिमा के साथ बाबा महाकाल कल अपने दरबार से बाहर निकले। कोरोना संक्रमण को देखते हुये इसमें श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नही मिली। आरंभ में ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के सभा मंडप में परंपरा के मुताबिक कलेक्टर आशीष सिंह ने भगवान महाकाल के मनमहेश रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना किया।निर्धारित समय पर शाही ठाठबाट के साथ अवंतिकानाथ का नगर भ्रमण शुरू हुआ। भगवान महाकाल चांँदी की पालकी में मनमहेश व हाथी पर चंद्रमौलेश्वर रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। सवारी बड़ा गणेश, हरसिद्घि चौराहा, सिद्घ आश्रम के सामने से होते हुये मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंँची। जहाँ महाकाल पेढ़ी पर पुजारी भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना किये। तत्पश्चात सवारी हरसिद्घि की पाल होते हुये शक्तिपीठ हरसिद्घि मंदिर मंदिर के सामने से पुन: महाकाल मंदिर पहुँची। श्रावण-भादो मास के क्रम में यह भगवान महाकाल की छठी सवारी है। इसके बाद 17 अगस्त को शाही और अन्तिम सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली जायेगी।