इंडिया को शब्दों में डिफाइन नहीं किया जा सकता – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
➖➖➖➖➖➖➖➖
नई दिल्ली – आज यहां से आधुनिक क्रुज से पहली बार सफर करने जा रहे सभी विदेश पर्यटकों का मैं स्वागत करता हूं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिये भी जलमार्ग अच्छे हैं और किराया भी कम लगता है। भारत में जो नदियां हैं वो लोगों और सामान के ट्रांसपोर्ट के लिये उपयोग की जा सकती है। विकसित भारत के निर्माण के लिये कनेक्टिविटी जरूरी है। इस क्रूज में सवार विदेशी टूरिस्ट साथियों से कहूंगा कि भारत के पास सब कुछ है , भारत सबका दिल से स्वागत करता है। इंडिया को शब्दों में डिफाइन नहीं किया जा सकता है , बल्कि इंडिया को अनुभव किया जा सकता है। गंगा विलास की शुरुआत होना साधारण बात नहीं है। इस यात्रा से आप सभी को हिंदुस्तान के धर्म , कला , संस्कृति , पर्यावरण , नदियों और समृद्ध खानपान से रूबरू होने का सुअवसर मिलेगा। ये क्रूज यात्रा अनेक अनुभव लेकर आने वाला है।  क्रूज टूरिज्म का ये नया दौर हमारे युवाओं को रोजगार देगा। देश के लोग पहले ऐसे अनुभव के लिये विदेश जाते थे लेकिन अब देश में ये अनुभव ले सकते हैं।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दुनियां के सबसे लम्बे जलमार्ग के लिये बीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये वाराणसी से गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाने के बाद संबोधित करते हुये कही। हर – हर महादेव की उद्घोषणा से उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुये कहा कि रिवर क्रूज गंगा विलास का शुभारंभ हो गया है। गंगा नदी हमारे लिये सिर्फ जलधारा नहीं है , बल्कि प्राचीन काल से तप-तपस्वियों की साक्षी है। मां गंगा ने भारतीयों को हमेशा पोषित किया है , प्रेरित किया है। गंगा पट्टी आजादी के बाद पिछड़ती चली गई और लाखों लोगों का पलायन हुआ। इस स्थिति को बदलना जरूरी था और हमने नई सोच के साथ काम करना शुरू किया। एक तरफ नमामी गंगे के माध्यम से गंगा की निर्मलता के लिये काम किया , दूसरी तरफ अर्थ गंगा पर भी काम किया और आर्थिक गतिविधियों का नया वातावरण बनाया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनियां की सबसे लंबी नदी जल यात्रा गंगा विलास क्रूज का शुभारंभ हुआ है। इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल विश्व पर्यटन मानचित्र में और प्रमुखता से आने वाले हैं , ऐसी ही व्यवस्था हम कई शहरों में लागू करने वाले हैं। पीएम ने कहा यह गंगा विलास क्रूज जहां से भी गुजरेगा वहां विकास की नई लाइन तैयार करेगा। शहरों के बीच लंबी रिवर क्रूज यात्रा के अलावा हम छोटे क्रूज को भी बढ़ावा देंगे। इसके लिये सुविधायें विकसित की जा रही है। नदी जल मार्ग अब भारत का नया सामर्थ्य बनेगा। गंगा पर बन रहा राष्ट्रीय जलमार्ग पूरे देश के लिये एक मॉडल की तरह विकसित हो रहा है। ये राष्ट्रीय जलमार्ग ट्रांसपोर्ट , ट्रेड और टूरिज्म के लिये एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है। उन्होंने कहा वर्ष 2014 से पहले देश में वॉटर-वे का थोड़ा-बहुत ही उपयोग था। यह हाल तब था जबकि भारत में वॉटर-वे का पुरातन इतिहास था। वर्ष 2014 के बाद हमने देश की बड़ी नदियों में जलमार्ग के विकास के लिये कानून बनाये। वर्ष 2014 में पांच राष्ट्रीय जलमार्ग देश में थे। आज 24 राज्यों में 111 जलमार्गों को विकसित करने की दिशा में काम हो रहा है। रिवर क्रूज के अनुभव पर प्रकाश डालते हुये प्रधानमंत्री ने बताया कि इसमें सभी के लिये कुछ ना कुछ खास है।उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता में रुचि रखने वालों के लिये काशी , बोधगया , विक्रमशिला , पटना साहिब और माजुली जैसे गंतव्यों को कवर किया जायेगा। एक बहुराष्ट्रीय क्रूज अनुभव की तलाश करने वाले पर्यटकों को बांग्लादेश में ढाका से होकर जाने का अवसर मिलेगा और जो भारत की प्राकृतिक विविधता को देखना चाहते हैं उनके लिये यह सुंदरबन और आसाम के जंगलों से होकर गुजरेगा। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही वाराणसी में ही टेंट सिटी का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य पर्यटकों को सात्विकता के साथ गंगा किनारे लग्जरी सुविधायें उपलब्ध कराने का है। टेंट सिटी को लेकर पीएम ने कहा – ये भारत के विकास का उदाहरण और नये भारत के विकास का प्रतिबिंब है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्रर्वानंद सोनोवाल ने कहा आज का दिन दुनियां की रिवर क्रूज के इतिहास में लिखा जायेगा क्योंकि ये दुनियां का सबसे लंबा सफर होगा। ये उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश से होकर डिब्रूगढ़ तक जायेगा। उन्होंने कहा कि इस सफर के जरिये सिर्फ पर्यटन का ही रास्ता नहीं बल्कि व्यापार का भी रास्ता खुलेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को बीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दो सौगातें दी हैं। पहली सौगात है गंगा विलास क्रूज और दूसरी सौगात फाईव स्टार टेंट सिटी। पीएम की बटन दबाकर हरी झंडी दिखाने और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ ही गंगा विलास क्रूज दुनियां की सबसे लम्बी रिवर क्रूज यात्रा पर रवाना हो गया। इस दौरान ये वाराणसी से आसाम के डिब्रूगढ़ तक 3200 किलोमीटर का सफर करेगा। वहीं फाइव स्टार होटल की सुविधाओं से लैस टेंट सिटी में गंगा दर्शन विला सबसे खास आकर्षण वाला है। इसके अलावा अन्य टेंट कॉटेज भी हैं , यहां खास बनारसी खानपान होगा। इसके अलावा खास थीम पर लाइटिंग और डेकोरेशन किया गया है।

ऐतिहासिक घाटों , गंगा और पूरे टेंट सिटी का नजारा देखने के लिये स्टेनलेस स्टील का 32 फीट ऊंचा गंगा वाच टावर बनाया गया है। गंगा विलास को हरी झंडी दिखाने के साथ ही पीएम ने पश्चिम बंगाल मेंमल्टी मॉडल टर्मिनल , यूपी और बिहार में फ्लोटिंग जेट्टी , आसाम में मेरीटाइम्स स्किल सेंटर , टर्मिनल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, पोतों के निर्माण केंद्र का शिलान्यास और लोकार्पण किया। ये प्रोजेक्ट करीब एक हजार करोड़ रुपये की लागत के हैं। इस दौरान उन्होंने त्योहारों में दान, आस्था, तपस्या और आस्था तथा उनमें नदियों की भूमिका पर जोर दिया। इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविदास घाट स्थित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। रविदास घाट पर मुख्यमंत्री योगी के साथ मंच में कई दिग्गज मौजूद थे। कार्यक्रम के शुरुआत में केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने अपना संबोधन दिया। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े।आसाम के मुख्यमंत्री हेमंता विश्वकर्मा ने भी अपना संबोधन दिया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा – प्रधानमंत्री आज राज्य में पांच नये घाटों का उद्घाटन भी करेंगे। काशी आज एक नई पहचान के साथ आगे बढ़ रही है। वाराणसी में अब पर्यटन और रोजगार में बढ़ोत्तरी होगी। देर शाम कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिये एक सुरों की संगीत लहरी का कार्यक्रम रखा गया , जिसमें बॉलीवुड के जाने माने संगीत निर्देशक और गायक शंकर महादेवन नजर आये। इन्होंने अपने सुर-संगीत से समा बांध दिया।

Ravi sharma

Learn More →