आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर विशेष — अरविन्द तिवारी की कलम✍से-

नई दिल्ली — भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस प्रत्येक वर्ष २५ जनवरी को मनाया जाता है। विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुये राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इसके मनाये जा ने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जायेगी जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी। इस सिलसिले में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नये मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किये जायेंगे और उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपे जायेंगे। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिये अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिये क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है जो राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है।


भारत में जितने भी चुनाव होते हैं, उनको निष्पक्षता से संपन्न कराने की जिम्मेदारी ‘भारत निर्वाचन आयोग’ की होती है। भारत एक गणतांत्रिक देश बनने वाला था और भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चुनाव कराने के लिये निर्वाचन आयोग का गठन जरूरी था इसलिये वर्ष 1950 से स्थापित चुनाव आयोग के 61वें स्‍थापना वर्ष पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपत‌ि प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था। इस आयोजन के दो प्रमुख विषय थे — ‘समावेशी और गुणात्मक भागीदारी’ तथा ‘कोई मतदाता पीछे न छूटे’। और 2011 से ही हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश में सरकारों और अनेक सामजिक संथाओं द्वारा लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिये अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिससे कि देश की राजनीतिक प्रक्रियाओं में लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का हर वर्ष आयोजन सभी भारत के नागरिकों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन लोगों को यह भी बताता है कि हर व्यक्ति के लिए मतदान करना जरूरी है। भारत के प्रत्येक नागरिक का मतदान प्रक्रिया में भागीदारी जरूरी है क्योंकि आम आदमी का एक वोट ही सरकारें बदल देता है। हम सबका एक वोट ही पल भर में एक अच्छा प्रतिनिधि भी चुन सकता है और एक बेकार प्रतिनिधि भी चुन सकता है इसलिये भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिये और ऐसी सरकारें या प्रतिनिधि चुनने के लिये करना चाहिये जो कि देश को विकास और तरक्की के पथ पर ले जा सकें। आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर भारत के प्रत्येक नागरिक को लोकतंत्र में विश्वास रखते हुये शपथ लेनी चाहिये कि वे देश की स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की लोकतांत्रिक परंपरा को बरकरार रखेंगे और प्रत्येक चुनाव में धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय, भाषा आधार पर प्रभावित हुये बिना निर्भीक होकर मतदान करेंगे।


 

Ravi sharma

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