आज तीजा और गणेश चतुर्थी व्रत साथ रहेंगे-देवीप्रसाद शुक्ला

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

जाँजगीर चाँपा — इस वर्ष गणेशोत्सव का पावन पर्व आज 02 सितंबर से शुरू हो रहा है जो भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। गणेश पुराण के अनुसार इस दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ तब से गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। हम सब प्रत्येक शुभ कार्य का आरंभ ॐ श्री गणेशाय: नम: से करते हैं।
पंडित एवं भागवत प्रवक्ता देवीप्रसाद शुक्ला के अनुसार भगवान गणेश किसी भी कार्य की विघ्न रहित शुरुआत के लिये प्रथमतः पूजे जाने वाले देवता हैं। यही वजह है कि हर कार्य का शुभारंभ ‘श्री गणेशाय नमः’ से किया जाता है।गणेशजी ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं, हर प्रसंग में जीवन को शुभ-लाभ की दिशा देते हैं। वे विघ्नहर्ता भी हैं जो मार्ग की सारी अड़चनों को दूर करने वाले हैं। सभी देवताओं में प्रथम पूज्य वे गणाधिपति हैं जिन्हें किसी दूसरे का आदेश मानने की बाध्यता नहीं है। पंडित श्री शुक्ला के अनुसार हरतालिका तीज 01 सितंबर की रात 12 बजे से प्रारंभ हो रही है। इसके बाद विशेष शिवपूजन 02 सितंबर को प्रात: चार बजे से लेकर सूर्योदय के पहले तक है और दोपहर 12:09 बजे तीज समाप्त हो रही है। तत्पश्चात चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगा और रात्रि दस बजे तक गणेश जी की स्थापना , प्राण प्रतिष्ठा , पूजा आराधना होगी। इसके बाद तीजा एवं गणेश चतुर्थी दोनो व्रतों का एक साथ फलाहार ले सकते हैं।

Ravi sharma

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