अयोध्या दीपोत्सव को मिलेगा राज्य मेला का दर्जा-योगी कैबिनेट

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

लखनऊ — मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज लोक भवन में कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। जिसमें उत्तरप्रदेश सरकार ने अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव मेले के ”प्रांतीयकरण” का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अयोध्या के दीपोत्सव मेले को राज्य मेले का दर्जा देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है। दीपावली के एक दिन पहले 26 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव मेले का खर्च अब जिलाधिकारी के जरिये राज्य सरकार उठायेगी और पर्यटकों को बेहतर सुविधायें मुहैय्या करायेगी जबकि इससे पहले दीपोत्सव मेले का खर्च पर्यटन विभाग वहन करता था।

गौरतलब है कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हर वर्ष अयोध्या में सरयू घाट पर बेहद भव्य दीपोत्सव मेले का आयोजन करती है जिसमें सरयू में लाखों प्रज्ज्वलित दीये प्रवाहित किये जाते हैं। इस बार भी भव्यता और धूमधाम के साथ दीवाली मनायी जायेगी।
अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि 1990 से लेकर 2018 के बीच आतंकी घटनाओं में लिप्त रहने वाले या फिर परोक्ष-अपरोक्ष रूप से जुड़े रहने वाले व्यक्तियों का सोशल मीडिया चेक करें अगर वे जेल से बाहर हैं तो उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेंजे। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के डीएम, कमिश्नर, IG और DIG के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और त्योहार के समय की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को ये कड़े निर्देश दिये हैं। सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षकों को सातवें वेतनमान की मंजूरी दे दी गई। इसका लाभ एकेटीयू, मदनमोहन इंजीनियरिंग विवि व एचबीटीआई के शिक्षकों को मिलेगा जिस पर करीब 47.14 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।
यूपी एडेड टेक्निकल इंस्टिट्यूट नियमावली में बदलाव किया गया है। साथ ही चयन समिति में परिवर्तन किया गया है। प्रधानाचार्य की चयन समिति में उप शिक्षा सलाहकार की जगह एआईसीटीई का प्रतिनिधि शामिल होगा। बैठक में उत्तरप्रदेश राज्य सेप्टिक नीति प्रबंधन का प्रस्ताव पास किया गया। इसके तहत सफाई कर्मियों की सुरक्षा से संबंधित सभी कदम उठाये जायेंगेऔर उनके ट्रेनिंग की व्यवस्था की जायेगी। प्रदेश में 652 नगर निकायों में 5 करोड़ की आबादी है। इन निकायों के भीतर 72 लाख ऑन साइट कलेक्शन होता है जिसमें 5560 एमएलडी कलेक्शन आता है। अभी तक अपशिष्ट जल प्रबंधन की 3300 एमएलडी क्षमता है, 1280 एमएलडी की क्षमता विकसित की जा रही है। 2019 तक सभी प्रारंभिक व्यवस्था पूरी कर ली जायेगी. 2021 तक प्रदेश के सभी निकाय इससे जोड़े जायेंगे और 2023 तक इसे पूरी तरह लागू कर दिया जायेगा। केंद्र, राज्य, निकाय और सीएसआर से फण्ड की व्यवस्था की जायेगी। 2023 के बाद इसके रख-रखाव की व्यवस्था का खर्च उपभोक्ता पर सरचार्ज लगाकर निकाला जायेगा। जिनके घरों में सेप्टिक टैंक बने हैं उन्हें पांच वर्ष में 2500 रुपये या हर साल 500 रुपये का शुल्क देना होगा। सड़क किनारे मुर्गा और मीट की दुकानों पर रोक लगाते हुये जुआ खेलने पर रासुका लगाने का आदेश दिया गया। पुलिस वालों के हाथ में डंडे की जगह अगर मोबाईल दिखा तो कार्यवाही होगी। प्रमुख संगठनों , धर्मगुरुओं और नेताओं के सुरक्षा की समीक्षा की जायेगी।

Ravi sharma

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