अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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वाशिंगटन (अमेरिका) यूनाइटेड स्टेट आफ अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव जीतकर दुनियाँ में अपने नाम का डंका बजाने के बाद जो बिडेन कल 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर एक अधिकारिक समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। ये पल अमेरिका के साथ साथ पूरी दुनियाँ के लिये बेहद खास होगा। दुनियाँ की महाशक्ति के प्रमुख तौर पर जो बिडेन का राष्ट्रपति कार्यकाल भी कल से शुरू हो जायेगा। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल ना होने का ऐलान कर चुके हैं , उनके स्थान पर उपराष्ट्रपति माइक पेंस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। अभी तक ऐसा ही देखा जाता रहा है जहांँ पुराना राष्ट्रपति नये राष्ट्रपति का व्हाइट हाउस में स्वागत करता है और उन्हें राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठाता है। इस शपथग्रहण समारोह में ट्रंप का हिस्सा ना लेना संकेत देता है कि अमेरिकी संसद में हिंसा और खूनखराबे के बाद उन्होंने सत्ता हस्तांतरण को भले ही स्वीकार कर लिया है , लेकिन वह अभी भी चुनाव नतीजों को लेकर विरोध जता रहे हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया है कि चुनाव में धांधली हुई है और इसी कारण बिडेन की जीत हुई है। ट्रंप पर महाभियोग लगाने की प्रक्रिया होने के बाद वे देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गये हैं , जिन पर दो बार महाभियोग लगा है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से लेकर शपथग्रहण तक का समय काफी खास होता है , इस समय को प्रेजिडेंशियल ट्रांजिशन कहा जाता है। इस दौरान नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति अपनी एक ट्रांजिशन टीम का गठन करते हैं , इसके तहत इनाग्रेशन के तुरंत बाद इनके काम की शुरुआत करने की तैयारी की जाती है। जब अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के तौर पर किसी का नाम तय कर दिया जाता है तो उसके शपथग्रहण के लिये जो अधिकारिक तौर पर समारोह आयोजित किया जाता है इसको इनाग्रेशन कहा जाता है। इस अधिकारिक समारोह में ही राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं। अमेरिका में नये राष्ट्रपति के शपथग्रहण के तौर पर 20 जनवरी का ही दिन तय होता है। बिडेन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुये उनका शपथ ग्रहण समारोह भव्य नहीं होगा। बता दें कि अमरीका में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिये शपथग्रहण समारोह खुले में होता है। भारी संख्या में लोग इस समारोह में शामिल होते हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण ऐसा नहीं हो सकेगा , क्योंकि इससे संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ़ सकता है।
वाशिंगटन डीसी में कड़ी सुरक्षा
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अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन के शपथग्रहण से पहले हिंसा समेत अन्य सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुये वाशिंगटन डीसी को अभेद किले में बदलकर सुरक्षा चाक-चौबंल कर दी गयी है। यहाँ हजारों पुलिसकर्मियों और सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों के साथ-साथ नेशनल गार्ड के 25,000 से अधिक जवानों को यहां तैनात किया गया है। अमेरिकी संसद भवन कैपिटल के आसपास के इलाके , पेनसिल्वेनिया ऐवेन्यू और व्हाइट हाउस के आसपास का बड़ा हिस्सा आम जनता के लिये बंद कर दिया गया है और इन जगहों पर आठ फुट ऊंँचे बैरियर लगा दिये गये हैं। पूरे शहर के अलावा राज्यों के संसद भवनों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। कल शपथ लेने के बाद जो बिडेन अपने कार्यकाल के पहले दिन देश के सामने मौजूद चार चुनौतियों कोविड-19 संकट , आर्थिक संकट , पर्यावरण संबंधी संकट और नस्ली असमानता से निपटने के लिये करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करेंगे। वे शिक्षा विभाग से छात्रों के लिये ऋण के भुगतान पर मौजूदा रोक की अवधि बढ़ायेंगे , पेरिस समझौते में पुन: शामिल होंगे और मुसलमानों पर प्रतिबंध हटायेंगे।
डेमोक्रेटिक राज में भारतीय मूल के 20 प्रतिनिधि शामिल
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कल शपथ लेने जा रहे जो विडेन ने अपनी सरकार में अहम पदों पर 13 महिलाओं समेत कम से कम 20 भारतीय मूल के अमेरिकियों को नामित करके इतिहास रच दिया है। इनमें से 17 व्हाइट हाउस में काम करेंगे , जो किसी डिपार्टमेंट के प्रमुख से लेकर किसी अहम पोस्ट पर हैं। ऐसे में अब दुनियाँ की निगाहें जो बिडेन के कार्यकाल पर टिकी हैं। उनके साथ साथ कल ही कमला हैरिस शपथ ग्रहण करके देश की पहली महिला उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेंगी। यह पहली बार है, जब शपथ ग्रहण समारोह से पहले किसी राष्ट्रपति के प्रशासन में इतनी अधिक संख्या में भारतीय-अमेरिकियों को नामित किया गया है। विडेन के प्रशासन में अब भी कई पद रिक्त हैं। सूची में सबसे ऊपर नीरा टंडन और डॉ. विवेक मूर्ति का नाम शामिल है। बाइडन प्रशासन में व्हाइट हाउस कार्यालय के प्रबंधन एवं बजट के निदेशक के तौर पर नीरा टंडन और अमेरिकी सर्जन जनरल के तौर पर डॉ. विवेक मूर्तिं को नामित किया गया है। वनिता गुप्ता को विधि मंत्रालय की एसोसिएट अटॉर्नी जनरल नामित किया गया है। भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय ने लोकसेवा के लिये पिछले कई वर्षों में जो समर्पण दिखाया है, उसे इस प्रशासन की शुरुआत में ही मान्यता मिल रही है , इनमें महिलाओं की संख्या अधिक है। माला अडिगा को भावी प्रथम महिला डॉ. जिल विडेन की नीति निदेशक और गरिमा वर्मा को प्रथम महिला के कार्यालय की डिजिटल निदेशक नियुक्त किया गया है, जबकि सबरीना सिंह को उनकी उप प्रेस मंत्री नियुक्त किया गया है। दो कश्मीरियों को भी जिम्मेदारी व्हाइट हाऊस में पहली बार ऐसे दो भारतीय मूल के अमेरिकियों को स्थान दिया गया है , जो मूलरूप से कश्मीर से संबंध रखते हैं। इनमें आयशा शाह को व्हाइट हाऊस कार्यालय की डिजिटल रणनीति की पार्टनरशिप मैनेजर और समीरा फाजली को व्हाइट हाऊस में अमेरिकी राष्ट्रीय आर्थिंक परिषद की उपनिदेशक नामित किया गया है। तीन भारतीय अमेरिकियों को व्हाइट हाऊस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में नामित किया गया है। तरुण छाबड़ा को प्रौद्योगिकी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा का वरिष्ठ निदेशक, सुमोना गुहा को दक्षिण एशिया के लिये वरिष्ठ निदेशक और शांति कलाथिल को लोकतंत्र एवं मानवाधिकार समन्यवय नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति के सहायक प्रेस मंत्री की जिम्मेदारी वेदांत पटेल राष्ट्रपति के सहायक प्रेस मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभालेंगे। व्हाइट हाऊस राष्ट्रीय आर्थिंक परिषद में एक अन्य भारतीय अमेरिकी भारत राममूर्तिं को उपनिदेशक नियुक्त किया गया है। गौतम राघवन को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति कार्मिंक कार्यालय में उपनिदेशक नामित किया गया है। विनय रेड्डी को बाइडन का भाषण निदेशक नामित किया गया है।
संक्षिप्त परिचय – जो बिडेन
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जो बिडेन का पूरा नाम जोसेफ जो बिडेन हैं, बिडेन की उम्र 77 वर्ष की है। उनका जन्म नवंबर 1942 में हुआ था, तब भारत में ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन’ चल रहा था। जो बिडेन ओबामा के पूर्व उपाध्यक्ष रहे हैं और 2020 के राष्ट्रपति पद के लिये डेमोक्रेटिक उम्मीदवार थे। बिडेन सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लॉ के स्नातक हैं , स्नातक करने के एक साल बाद उन्होंने डेलावेयर बार परीक्षा पास की है। अमेरिकी सीनेट में रहते हुये उन्होंने न्यायपालिका समिति और विदेशी संबंध समिति में सेवा की। जो बिडेन की पहली पत्नी नेलिया और बेटी नाओमी की 1972 में कार दुर्घटना में मौत हो गई। उनके दो बेटे हैं हंटर और ब्यू। डेमोक्रेटिक राइजिंग स्टार ब्यू की 46 साल की उम्र में 2015 में ब्रेन कैंसर से मृत्यु हो गई। बिडेन ने वर्ष 1977 में जिल जैकब्स से दूसरी शादी कर ली।अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति बिडेन की कुल संपत्ति की बात करें तो, 2019 में जारी वित्तीय दस्तावेजों के अनुसार बिडेन और उनकी पत्नी की कुल कमाई 15 मिलियन यूएस डॉलर से ज्यादा है। जो बिडेन अनुभवी हैं उन्होंने अमेरिकी सीनेट में छह कार्यकाल और उपराष्ट्रपति के रूप में दो कार्यकाल के लिये कार्य किया है। उनके पास आठ साल की ओबामा नीति का अनुभव भी है , जबकि अफोर्डेबल केयर एक्ट के साथ उनकी भागीदारी भी उल्लेखनीय है।