पटना-शहर मे गरीबी कि मार से बुनियादी शिक्षा से भी महरूम बच्चों को शिक्षित करने के लिए कई स्वयंसेवी संस्थाऐं चल रही है ये अलग बात है कि उनकी रफ्तार कागज पर ज्यादा है.वहीं समाजसेवी भी इस मामले मे पीछे नहीं है,उनकी भी अपनी वोट बैंक कि राजनीति है.इस क्रम मे हमने कई आत्ममुग्ध समाजसेवी और स्वयंसेवी संस्थाओं के बारे मे जानकारी ली.उसमे एक संस्था ऐसी है जो बगैर किसी सरकारी या गैरसरकारी मदद के वर्ष 2016 से अभावग्रस्त बच्चों कि शिक्षा को लेकर जमिनी स्तर पर कार्य कर रही है.एक ऐसा शिक्षण संस्थान जो बच्चो कि शिक्षा को लेकर निरंतर प्रयत्नशील रहती है.निशुल्क संस्था गुरुदीक्षा ट्रस्ट….जी हां जहाँ अभाव मे बुनियादी शिक्षा नही पा रहे सैकड़ो बच्चे मुफ्त पाठ्य साम्रगी के साथ नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त करते है.यूं तो शहर मे बहुत सारे स्वंयसेवी संस्थान और बहुतों समाजसेवी इस तरह के बच्चों कि शिक्षा को प्रयासरत नजर आते है…मगर जमिनी पड़ताल करने पर पता चलता है कि अधिकतर स्वंयसेवी संस्थान सरकार कि नजर मे खुद को अच्छा दिखाने और कुछ सरकारी मदद कि उम्मीद मे बस कागजी खानापूर्ति कर रही है तो समाजसेवी अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने कि उम्मीद मे दिखावा….वहीं गुरुदीक्षा ट्रस्ट अभावग्रस्त बच्चों कि शिक्षा को लेकर जमिनी काम करने वाली एक पुर्णत: निशुल्क शिक्षा संस्थान है.
यह संस्था वर्ष 2016 से अभावग्रस्त बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के क्षेत्र मे कार्यरत है.यहां सैकडों बच्चे शिक्षा से संबंधित जरुरी चिजें यथा कॉपी, कलम,पेसींल,ड्रेस पाते हुए निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे है.बाकायदा इन बच्चों के लिए सभी चिजें उपलब्ध कराई जाती है.अलग-अलग बैचो मे समयानुसार शिक्षक आकर क्लास चलाते है.जिन्हें वाजिब मेहनताना भी मिलता है.और सबसे बड़ी बात कि बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ-साथ नैतिक ज्ञान कि शिक्षा भी यहां बखूबी दि जाती है.इस के संस्थापक है शंकर पाण्डेय.बिते दिनों श्री पाण्डेय काफी अस्वस्थ भी रहे लेकिन गुरुदीक्षा ट्रस्ट मे पढ़ रहे बच्चो की पढ़ाई कभी किसी रूप से बाधित नही हुई.अनवरत शिक्षा का जो अलख श्री पाण्डेय ने जलाया वो लगातार जल रहा है…और उसका प्रकाश लगातार बच्चों को शिक्षित कर फैल रहा है.वहीं आत्ममुग्ध समाजसेवियों को आईना भी दिखा रहा है.