अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
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नई दिल्ली — डिजिटल मीडिया के पत्रकारों के लिये सरकार ने कहा कि पीआईबी आने वाले समय में डिजिटल समसामयिक विषयक और न्यू मीडिया निकायों के डेवलपर्स, छायाकारों और वीडियोग्राफरों को मान्यता जैसे लाभ देने पर विचार करेगा। सरकार ने कहा है कि डिजिटल मीडिया निकायों से अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने और सरकार के साथ संवाद के लिये स्वे-नियमन संस्थाओं का गठन करने की भी बहुत आवश्यकता है। सरकार ने बताया कि डिजिटल मीडिया को जिन सुविधाओं को दिये जाने पर विचार किया जायेगा उनमें उसके पत्रकारों, छायाकारों, वीडियोग्राफरों को पीआईबी मान्यता देना शामिल है। यही नहीं डिजिटल मीडिया के पत्रकारों, फोटोग्राफरों और वीडियोग्राफरों को सीजीएचएस लाभ, रियायती रेल किराया आदि सुविधायें भी दी जायेंगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि सरकार डिजिटल मीडिया के लिये कई अन्य सुविधाओं पर भी विचार किया जा रहा है। डिजिटल मीडियाकर्मियों को प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) के पत्रकारों की तरह भारत सरकार से मान्यता, चिकित्सा और अन्य सुविधायें दी जायेंगी। यह नहीं है कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह डिजिटल मीडिया स्वप्न समूह का गठन कर सकता है। सरकार ने डिजिटल मीडिया के माध्यम से समसामयिक विषयों और खबरों के अपलोडिंग / स्ट्रीमिंग के लिये सरकारी अनुमोदन मार्ग से 26 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी दी थी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वर्तमान में पारंपरिक मीडिया (प्रिंटर और टीवी) को जो लाभ प्राप्त हैं, भविष्य में उन्हें उन निकायों को देने पर वह विचार करेगा जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से भी समसामयिक विषयों और खबरों के अपलोडिंग / स्ट्रीमिंग में लगे हुये हैं। ।