23 वाँ श्रीब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ का पांचवा दिन- सोनपुर

सोनपुर- श्रीब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ कै पाँचवे दिन पुष्य नक्षत्र मे भगवान श्रीगजेन्द्रमोक्ष के जन्मदिवस के अवसर पर 108 कलशोँ से दिव्य औषधियों से पँचामृत से महाभिषेक हुआ. जिसमे हजारों भक्तोँ ने भाग लिया.

स्नान के सभी विग्रहोँ का नवीन शिल्क पीताम्वरी पहनाकर दिव्य श्रृगांर किया गया. इस अवसर पर सायँ 6 बजे से 9 बजे रात्रि तक बडे धूमधाम से विवाह महोत्सब का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. दाक्षिणात्य पद्धति से भगवान का श्रीबालाजी एवँ महारानी पद्मावती का जयमाल हुआ.इस अवसर पर महिलाओं ने मँगल गीत गाया.

सम्पूर्ण वातावरण विवाह मय हो गया था.हल्दी चढाने का काम एवँ तिलक का भी कार्यक्रम हुआ. कन्यादान दिलीप झा,फूल देवी, रतन कुमार कर्ण, सुधाँशु सिह, शारदा देवी ने किया.इस अवसर पर विवाह मँच से समस्त भक्तोँ को सम्बोधित करते हुए पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य ने कहा कि यह विवाद महोत्सव तेईस बर्षों से मनाया जा रहा है. विवाह एक सँस्कृति है,सँस्कार है.सोलह सँस्कारोँ मे विवाह प्रमुख है.पत्नी रथ है तो पति रथी.दोनोँ का अन्योन्याश्रय सम्वन्ध है.

विवाह सृष्टि का प्रमुख कारण है.बिना विवाह धर्म की सृष्टि की कल्पना नही की जा सकती है.एक पुत्र या एक पुत्री होने के बाद पत्नी पूज्यनीयाबन जाती है पत्नी को कभी एकवचन का प्रयोग नही करना चाहिए.भगवान माता पद्मावती से गन्धर्व विवाह करते है.

इस अवसर पर डा0 अल्पना मिश्रा, जगद्गुरु उद्धवप्रपन्नाचार्य स्वामी, स्वामी श्यामनारायणाचार्य, स्वामी जगद्गुरु सुन्दरराज, स्वामी पँ कुशेश्वर चौधरी का दिव्य प्रवचन हुआ.इस महोत्सव में यज्ञ समिति के अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी के सदस्य रामाकांत सिंह, समाजसेवी लालबाबू पटेल,नरेश सिंह, धनंजय सिंह, संतोष सिंह, वरुण सिंह, दिलीप सिंह, आदि श्रद्धालुओं ने यज्ञ के कार्यों में तन मन से सहयोग में लगे रहे.अन्त मे स्वामी जी ने आये हुए एवँ महायज्ञ मे सहयोग करने वाले समस्त भक्तोँ को धन्यवाद दिया.

Ravi sharma

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