हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा एकल पाठ कविता कार्यक्रम का आयोजन-वैशाली जिले..

वैशाली-वैशाली जिले के लालगंज मे बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन,वैशाली जिला द्वारा ऐतिहासिक श्री शारदा सदन पुस्तकालय में युवा कवि दिलीप कुमार की कविताओं के एकल पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया.कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ० अनिल सुलभ ने कहा कि कविता वह है जो पाठकों और श्रोताओं के मन को घनीभूत कर दे.कविता एक हृदय से होकर दूसरे हृदय तक संवेदनाओं को पहुंचाती है.

लालित्यपूर्ण ढंग से कही जाने वाली बात भी कविता है.मुक्त छंद की कविताएं काफी मात्रा में लिखी जा रही हैं.आवश्यकता है कि छंद युक्त कविताएं भी लिखी जाए,ताकि कविता का आम लोगों से जुड़ाव बढ़ सके. बिहार हिंदी नाट्य अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष कुमार अनुपम ने कहा कि साहित्य को सुदूर क्षेत्रों में ले जाने के लिए तथा गांव और कस्बे में साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार साहित्यिक आयोजनों की जरूरत है.इस अवसर पर कवि दिलीप कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही जगन्नाथ प्रसाद साह द्वारा स्थापित शारदा सदन पुस्तकालय की स्वतंत्रता आंदोलन में विशिष्ट भूमिका रही. उन्होंने भारत माता को ब्रिटिश दासता की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए प्रयास किया और साथ ही लोगों को अज्ञानता के जकड़न से मुक्ति दिलाने के लिए भी प्रयास किया,क्योंकि सही ज्ञान के बिना स्वतंत्रता का कोई मूल्य नहीं होता है.

एकल काव्य पाठ में दिलीप कुमार ने दिल्ली जाने वाली सड़क,पानी-पानी शहर, बारिश का पानी,जलती तो बाती है,दीप का सवाल,सरदार सरोवर के डूबे हुए पेड़,एक मात्रा की दूरी,प्रेम में गणित, औपचारिकता सहित अनेक कविताओं का पाठ किया. अपने संग्रह अप डाउन में फंसी जिंदगी से भी उन्होंने कुछ कविताओं का पाठ किया. जिसमें जीवन के उतार-चढ़ाव की झलकियां देखने को मिली. इस दिवाली कविता में उन्होंने कहा-कुम्हारों की दशा पर तरस खा माटी के दीप मत जलाना/ जो तुम भूल आए हो/ यदि देख सके वह दिन पुराना/ तभी कुम्हार के घर आना/ माटी के दीए ले जाना/उसमें अपनेपन का तेल और प्यार की बाती डाल जलाना/ जलते दिए की रोशनी में खुद को फिर से गाना. दिवाली पर एक दूसरी कविता में उन्होंने कहा की दिए का नाम होता है पर जलती तो बाती है, सभी औरतों की एक जैसी थाती है/अपना सर्वस्व देती है/पर किसी उपलब्धि का कभी श्रेय नहीं लेती है.

इस अवसर पर वैशाली जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा वरिष्ठ कवि सीताराम सिंह को राजकमल चौधरी कविता सम्मान प्रदान किया गया. इसके अलावा संस्था से जुड़ी डॉ० वेदवती को बिहार प्रशासनिक सेवा में चयनित होने के लिए विशेष तौर पर सम्मानित किया गया.कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वैशाली जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ शशि भूषण कुमार ने संस्था द्वारा साहित्य को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों का विशद ब्यौरा प्रस्तुत किया एवं दिलीप जी को संवेदनशील कवि बताया.वही कार्यक्रम का संचालन अरुण कुमार निराला और धन्यवाद ज्ञापन वीणा द्विवदी ने किया.इस अवसर पर वैशाली जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष मेदनी कुमार मेनन,श्री शारदा सदन हिंदी पुस्तकालय के प्रधान सचिव डॉ राजीव नारायण प्रसाद,संजय मंडल,राजीव कुमार मेहता,आनंद कुमार, डॉक्टर रामनरेश राय,वैद्य दीप नारायण चौधरी आदि उपस्थित रहे.

Ravi sharma

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